भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल ने दूरबीन पद्धति से सर्जरी के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. पिछले दो साल से परेशान एक महिला की टोटल लैप्रोस्कोपिक हिस्टेकटॉमी यहां सफलता पूर्वक की गई. इसके गर्भाशय में एक बड़ी गांठ बन गई थी जिसके कारण उसका स्वास्थ्य तेजी से गिर रहा था. लैप सर्जन डॉ नवील शर्मा ने बताया कि इस गांठ का वजन 900 ग्राम से भी अधिक था.
हाउसिंग बोर्ड कैलाश नगर निवासी मनप्रीत कौर पिछले दो साल से इस पीड़ा को भोग रही थी. आरंभ में अनियमित और अत्यधिक रक्तस्राव के ही लक्षण थे पर बाद में मासिक के दिनों में उसे काफी तकलीफ होने लगी. उसने कई चिकित्सकों को दिखाया पर कहीं भी आराम नहीं मिला. उसे बताया गया कि उसके गर्भाशय में एक बहुत बड़ी गांठ मिली. ऐसे मामलों में आम तौर पर बड़ी सर्जरी द्वारा गर्भाशय को निकाल दिया जाता है. महिला तीन बच्चों की मां है और सभी बच्चे सिजेरियन से हुए हैं. इसलिए वह चाहती थी कि यह आपरेशन दूरबीन पद्धति से हो. पर कोई भी अस्पताल दूरबीन पद्धति से यह आपरेशन के लिए तैयार नहीं था. तब किसी ने उन्होंने हाइटेक हॉस्पिटल और डॉ नवील शर्मा के बारे में बताया.
फरवरी में मरीज को हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल लाया गया. सभी जांचों के बाद डॉ नवील कुमार शर्मा ने टोटल लैप्रोस्कोपिक हिस्टेरेक्टोमी (TLH) का फैसला किया. 14 फरवरी को उसकी सर्जरी कर दी गई. सर्जरी के दो दिन बाद ही उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. वह पूरी तरह स्वस्थ है और चलना फिरना भी शुरू कर दिया है.
डॉ नवील शर्मा ने बताया कि लैप सर्जरी की विशेषता यह भी है कि मरीज को ज्यादा दिनों तक अस्पताल में नहीं रुकना पड़ता. साथ ही कोई बड़ा चीरा नहीं लगने के कारण रक्तस्राव भी बहुत कम होता है. यही वजह है कि अब ज्यादा से ज्यादा मामलों की सर्जरी मिनिमली इनवेसिव पद्धति से की जाती है. इस मामले में लैप सर्जरी इसलिए भी बेहतर विकल्प था कि महिला के पेट में पहले ही तीन चीरे लग चुके थे.