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हाइटेक की पीडियाट्रिक टीम ने बचाई जुड़वां नवजातों की जान

Feb 18, 2023
IVF Premature Twins get new life in HItek Hospital

भिलाई। हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल की पीडियाट्रिक टीम ने दो नवजात जुड़वां बच्चों को नया जीवन देने में सफलता हासिल की है. इन शिशुओं का जन्म तय तिथि से छह सप्ताह पहले ही हो गया था. बच्चों को नियोनेटल आईसीयू में रखकर उनका उपचार किया गया. 16 दिन की जद्दोजहद के बाद उन्हें मां की गोद में दे दिया गया. जच्चा बच्चा सभी स्वस्थ हैं. 18 दिन हॉस्पिटल स्टे के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई.
हाइटेक के पीडियट्रिशियन डॉ मिथिलेश देवांगन एवं नियोनेटल इंटेंसिविस्ट डॉ मिथिलेश यदु ने बताया कि कोरबा निवासी वैशाली टांक की यह पहली प्रेग्नेंसी थी. उसे कंसीव करने में दिक्कत हो रही थी. गर्भपात भी हो चुका था. इस बार आईवीएफ से गर्भाधारण किया था. जब परिवार को बताया गया कि उनके यहां ट्विन्स हैं तो उनकी खुशी का ठिकाना न रहा. पर बाद में जटिलताएं बढ़ती चली गईं. स्थिति ज्यादा गंभीर हो जाने पर जच्चा बच्चा की सलामती के लिए 34वें सप्ताह में ही सिजेरियन सेक्शन से डिलीवरी करा दी गई. जुड़वां बच्चों में एक बालक और एक बालिका थी. प्रसव का सामान्य टर्म 40 सप्ताह का होता है.
चिकित्सक द्वय ने बताया कि जन्म के समय बालक का वजन 1.7 किलो और बालिका का वजन 1.5 किलोग्राम था. दोनों बहुत कमजोर थे. शिशुओं को फेफड़े का संक्रमण था और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. बच्चों को नियोनेटल आईसीयू में एक सप्ताह तक सीपैप मशीन पर रखा गया. इस बीच शिशुओं का वजन और भी कम हो चुका था. पर धीरे-धीरे शिशुओं की हालत में सुधार आता गया. अंततः हम दोनों शिशुओं को मां की गोद में देने में सफल रहे.
वैशाली ने बताया कि पिछले दो सप्ताह पूरे परिवार के लिए बेहद कठिन थे. उसने आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण किया था. पिछले अनुभवों के कारण थोड़ी उत्कण्ठा तो थी पर इस बार हमें डाक्टरों और ईश्वर पर पूरा भरोसा था. जब इमरजेंसी में ऑपरेशन करना पड़ा तो हम डर गए थे. शिशुओं की हालत ने हमें चिंता में डाल दिया था. हम सभी बच्चों की सलामती की दुआ कर रहे थे और पल-पल की खबर लेते रहते थे. हाइटेक की संवेदनशील टीम ने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और आज अंततः वह अपने दोनों बच्चों को लेकर घर जा रही है.

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