दुर्ग. शासकीय डाॅ वावा पाटणकर स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय के स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग में केन्द्रीय आमबजट-2023 पर विशेषज्ञों के साथ सार्थक चर्चा सम्पन्न हुई. मुख्य वक्ता के रूप में क्षेत्र के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर लखन चौधरी, प्राध्यापक कल्याण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भिलाई एवं डाॅ. सीमा अग्रवाल, प्राध्यापक, शासकीय महाविद्यालय उतई ने अर्थशास्त्र विभाग की छात्राओं को बजट-2023 की बारिकियों से अवगत कराया.
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने इस अवसर पर छात्राओं को संबोधित करते हुये कहा कि अर्थशास्त्र की छात्राओं के लिये देश एवं प्रदेश के बजट का ज्ञान अत्यन्तआवश्यक है. देश का बजट केवल देश की आर्थिक नीति एवं दिशा ही तय नहीं करता बल्कि हमारे सामान्य जीवन की आर्थिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है.
प्रोफेसर लखन चौधरी ने विस्तृत रूप से बजट-2023 के प्रावधानों पर आंकड़ों सहित अपनी समालोचना प्रस्तुत की. उन्होंने स्पष्ट करने का प्रयास किया कि यह बजट लोक-लुभावना या चुनावी बजट नहीं है. उन्होंने बजट में मनरेगा के क्षेत्र में की गई कटौती को उचित नहीं माना लेकिन अधोसंरचना के विकास में बजट में किये गये प्रावधानों की प्रशंसा की. उन्होंने छात्राओं से भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों पर चर्चा की और स्पष्ट करने का प्रयास किया कि बजट में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष करों से सरकार को कितनी आय प्राप्त हो रही है. वेतन भोगी वर्ग को प्रभावित करने में इस वर्ष आयकर के परिवर्तित प्रावधानों का भी उन्होंने विश्लेषण किया.
डाॅ. चौधरी ने ग्राफ के माध्यम से समझाया कि बजट की आय में 100 पैसों में से किस-किस मद से कितने-कितने पैसे आते हैं एवं 100 पैसों में किस-किस मद पर कितने-कितने पैसे खर्च होते हैं.
डाॅ. सीमा अग्रवाल ने बजट के उन प्रमुख सात प्रावधानों की चर्चा की जिसे सप्तऋषि नाम दिया गया है. उन्होंने हरित विकास एवं पर्यावरण पर भी अपने विचार रखे. समावेशी विकास को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि पर्यावरण को क्षति पहँुचाये बिना अब देश विकास की ओर बढ़ रहा है. उन्होंने दुर्ग नगर निगम का ज्वलन्त उदाहरण देते हुये बताया कि किस तरह गौरवपथ के दोनों ओर के बड़े-बड़े पेड़ों को उसी रूप में अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर गौरवपथ का चौड़ीकरण किया जा रहा है.
विभागाघ्यक्ष डाॅ. डी.सी. अग्रवाल ने कार्यक्रम में सूत्रधार की भूमिका निभायी तथा डाॅ. मुक्ता बाखला एवं प्रोफेसर दीपक कश्यप ने भी बजट चर्चा में भाग लिया तथा अर्थशास्त्र विभाग की कई छात्राओं ने इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता देकर बजट चर्चा को सार्थक बनाया.