धमतरी की रहने वाली एक युवती ने एक अनोखी मिसाल पेश की है. उसने अपने प्रेमी के साथ विवाह करने के लिए अपने बॉयफ्रेंड का इस्तेमाल किया. उसने चारामा निवासी अपने बॉयफ्रेंड से 24 लाख रुपए ले लिए. इस रकम का उपयोग कर उसने अपने प्रेमी से विवाह कर लिया और उसके साथ रहने लगी. जब बॉयफ्रेंड को इसकी भनक लगी तो वह पुलिस के पास पहुंच गया. पुलिस ने लड़की को बिलासपुर से गिरफ्तार कर लिया. उसका पति भी इसी भ्रम के साथ जी रहा था कि यह रकम उसके ससुर ने ही उसका घर बसाने के लिए उपहार स्वरूप दिये हैं. लोकलाज के भय से पिता समाज के सामने दोनों का विवाह नहीं करा पाया था, शायद इसी बात का वह प्रायश्चित्त कर रहा था. पर जब बॉयफ्रेंड मामले का खुलासा हुआ तो उसके भी पैरों तले की जमीन खिसक गई. वैसे इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है. बॉयफ्रेंड वैसे भी चोमू टाइप होते हैं. जिन लड़कों को अपने घर वालों या दोस्तों पर चार पैसे खर्च करने में तकलीफ होती है, वो भी अपनी गर्लफ्रेंड की बड़ी से बड़ी मांग को पूरा करने की कोशिश करते हैं. चालाक युवतियां उनकी इस कमजोरी का फायदा उठाती हैं. कुछ समय पहले पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले की कुछ युवतियों ने भिलाई के कुछ युवकों से शादी की थी. ये सभी आपस में सहेलियां थीं. सभी शादियां भिलाई में ही हुई थीं. शादी के बाद तीनों परिवारों में तनावपूर्ण माहौल था. लड़कियां अपने पति को हाथ नहीं धरने देती थीं. उलटे दिन भर सबको धमकाती थी कि थाना-पुलिस कर सबको जेल भिजवा देगी. विवाह के बाद उन्होंने पतियों के साथ जमकर शॉपिंग की और खूब गिफ्ट भी बटोरे पर भूलकर भी संबंध नहीं बनाए. जब पानी सिर से ऊपर चला गया तो लोगों ने इन फर्जी पत्नियों से मुक्ति पाने की कोशिश की. किसी ने दो लाख तो किसी ने तीन लाख लेकर तलाक के कागज पर हस्ताक्षर कर दिये और अपने घर लौट गईं. देश के कुछ शहरों में यह एक नया ट्रेंड शुरू हो गया है. पिछले साल नवम्बर में भी इसी तरह का एक किस्सा लखनऊ में सामने आया था. दुल्हन ने विवाह के बाद पति को अपने से दूर ही रखा. तीसरे दिन वह नगदी और जेवर लेकर चम्पत हो गई. जब पकड़ी गई तो उसने बताया कि यही उसका पेशा है. लखनऊ, आगरा, फतेहपुर, अजमेर जैसे शहरों से भी इस तरह की खबरें आती रही हैं. एक वाकया तो ऐसा भी हुआ कि लौटती बारात को बेहोश कर दुल्हन ससुराल पहुंचने से पहले ही ट्रेन से फरार हो गई. उसका प्रेमी भी उसी ट्रेन से सफर कर रहा था. महर्षि वेदव्यास ने भी कहा था कि स्त्रियों के मनोभाव को ताड़ना किसी के बस की बात नहीं है. सात जन्मों का रिश्ता जोड़ने चले हैं, कुछ तो पड़ताल कर लेते.
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