चुनावी सीजन में भाजपा छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरने की हर कोशिश कर रही है. भाजपा मुख्यमंत्री के गिल्ली डंडा खेलने, गेड़ी चढ़ने की खिल्ली उड़ाती रही है. छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक को लेकर भी वह कांग्रेस सरकार पर हमला करती रही है. नया मुद्दा मुख्यमंत्री के कैंडीक्रश खेलने का है. भाजपा ने कहा कि भूपेश मान चुके हैं कि इस बार उनकी सरकार जा रही है. इसलिए टिकट वितरण का टेंशन छोड़कर वे कैंडी क्रश खेल रहे हैं. भूपेश ऐसे मौकों पर कहां चूकते हैं भला. उन्होंने ट्वीट (एक्स) कर दिया कि भाजपा को तो उनके होने पर ही ऐतराज है. अन्यान्य कार्यों की तरह वे कैंडी क्रश के भी उस्ताद हैं. उन्होंने इसमें भी एक ठीक-ठाक लेवल पार कर लिया है. वैसे बता दें कि कैंडी क्रश को एक ऐसा खेल माना जाता है जो मन को चुस्त दुरुस्त बनाता है. जब लोग ज्यादा तनाव में होते हैं तब कैंडी क्रश जैसे खेल उन्हें डिप्रेशन में जाने से बचा सकते हैं. यह दिमाग को तेज बनाता है. वैसे भी जीवन में संतुलन बहुत जरूरी है. जैसे दिन भर खेलने वाले बच्चे अकसर फेल हो जाते हैं, वैसे ही दिन-रात पढ़ने वाले बच्चे भी बोदा साबित होते हैं. दिन भर टेंशन लेने, चेहरे पर तनाव की लकीरें खींचकर फोटो खिंचवाने से तो अच्छा है कि एक ऐसा चेहरा लोगों को दिखाई दे जो हमेशा प्रफुल्लित रहता है. जो प्रत्येक वार पर पलटवार तो करता है पर चेहरे पर सदाबहार हंसी बनी रहती है. वैसे भी छत्तीसगढ़िया अल्प में संतुष्ट रहने वाले लोग हैं. उनके जीवन में सकारात्मकता अधिक है. जीवन जीने की कला में वे निपुण हैं. उन्हें किसी मोटिवेशन गुरू की भी जरूरत नहीं है. जीवन में सुख-दुःख को छत्तीसगढ़िया सहज भाव से स्वीकार करता है. वह तो इसी बात से आह्लादित है कि उनका मुख्यमंत्री ठेठ छत्तीसगढ़िया है. टिकट वितरण जैसे छोटे-मोटे कार्यों का वो टेंशन नहीं लेते. उसके दिमाग में खाका बहुत पहले तैयार हो चुका है. जो लोग परीक्षा की तैयारी सत्र के आरंभ से शुरू कर देते हैं उन्हें परीक्षा के दौरान टेंशन नहीं होता. वो तब भी फिल्म देख सकते हैं, पार्टी कर सकते हैं जब परीक्षाएं सिर पर हों. वैसे भी भूपेश तो मोबाइल पर कैंडी क्रश खेलते पकड़े गए हैं. इसी साल त्रिपुरा में भाजपा विधायक जादब लाल नाथ मोबाइल पर पोर्न देखते हुए पकड़े गए. इससे पहले 2012 में कर्नाटक के सहकारिता राज्य मंत्री लक्ष्मण सावाडी और उनके मित्र महिला बाल विकास मंत्री सीसी पाटील विधानसभा सत्र के दौरान पोर्न देखते हुए पकड़े गए थे. जिस फोन पर वे पोर्न देख रहे थे वह विज्ञान एवं तकनीकी मंत्री कृष्णा पालेमार का था. तीनों को इस्तीफा देना पड़ा था. 2019 में पार्टी ने इसी लक्ष्मण को उपमुख्यमंत्री बनाया था. फुर्सत में मोबाइल पर कैंडी क्रश खेलना, सदन में बैठकर पोर्न देखने से तो अच्छा है.