भिलाई। शिक्षक को अपनी कल्पनाशक्ति का भरपूर उपयोग करना चाहिए ताकि विषय को और भी रोचक बनाया जा सकता है। शिक्षक का यही कौशल उसे अन्य शिक्षकों से अलग बनाता है और उसकी स्वीकार्यता को बढ़ाता है। उक्त बातें युवा थिएटर आर्टिस्ट, ऐड फिल्म क्रिएटर और स्क्रिप्ट राइटर चित्रांश श्रीवास्तव ने आज एमजे कालेज में कहीं. वे शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ड्रामाटिक्स इन एजुकेशन कार्यशाला के द्वितीय सत्र को संबोधित कर रहे थे.
चित्रांश ने कहा कि शिक्षक भी एक अभिनेता है जिसे न केवल अपने ऑडियन्स का ध्यान आकर्षित करना होता है बल्कि अपनी पूरी बात को स्पष्टता के साथ उसतक पहुंचाना होता है। इसलिए स्टेज स्पेस का बेहतर उपयोग करने के साथ ही उसे अपनी वाणी और बॉडी लैंग्वेज का पूरा पूरा इस्तेमाल करना चाहिए। विषय को रोचक बनाने के लिए उसे परिस्थितियों से जोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। साथ ही प्रत्येक टीचर को अपने व्यक्तित्व को निखारने की सतत् कोशिश करते रहना चाहिए।
इस छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर एवं प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे की प्रेरणा से किया गया है. कार्यक्रम के संयोजक सहायक प्राध्यापक दीपक रंजन दास ने इस अवसर पर बीएड प्रशिक्षणार्थियों को अपनी आवाज को साधने के टिप्स दिये गये तथा उनका अभ्यास भी कराया गया.
इस अवसर पर शिक्षा संकाय की अध्यक्ष डॉ श्वेता भाटिया, ममता एस राहुल, आराधना तिवारी, सरिता ताम्रकार, कृतिका गीते सहित बड़ी संख्या में बीएड प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।