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Creative Teaching : ॐकार और मंत्रोच्चार से साधें स्वर, घर वाले भी रहेंगे खुश

Apr 25, 2023
Creative Teaching Workshop in SSMV Bhilai

भिलाई। प्रतिदिन ‘ॐ’ का उच्चारण करने एवं हनुमान चालीसा पढ़ने से भी आवाज को बुलंद किया जा सकता है. एक शिक्षक के लिए बहुत जरूरी है कि उसकी आवाज सबसे पीछे बैठे विद्यार्थी तक साफ-साफ पहुंचे. श्री शंकराचार्य महाविद्यालय में आयोजित ‘क्रिएटिव टीचिंग’ कौशल उन्नयन कार्यशाला के दूसरे दिन कम्युनिकेशन एक्सपर्ट दीपक रंजन दास ने उक्त बातें कहीं. उन्होंने शिक्षक प्रशिक्षणार्थियों को इसका अभ्यास भी कराया.
उन्होंने कहा कि अकसर बच्चों को शिकायत होती है कि उन्हें टीचर की बातें सुनाई नहीं देतीं या फिर समझ में नहीं आतीं. इसलिए जरूरी है कि आवाज में दम भी हो और उच्चारण स्पष्ट भी हो. प्रतिदिन की दिनचर्या में मंत्रोच्चार एवं ॐकार को शामिल कर इस कमी को दूर किया जा सकता है. इसका एक लाभ यह भी होगा कि इससे घर का वातावरण पाजीटिव बना रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने अच्छी हिन्दी और अंग्रेजी के भाषणों का ऑडियो और वीडियो देखने की सलाह भी प्रशिक्षणार्थियों को दी.
इससे पहले युवा फिल्म मेकर, स्क्रिप्ट राइटर एवं डायरेक्टर चित्रांश श्रीवास्तव “गोर्की” ने शिक्षक के जीवन में थिएटर के महत्व के बारे में बताया. उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि किस तरह ड्रामाटिक्स के सहयोग से विषय को और रोचक बनाया जा सकता है. उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को भिन्न-भिन्न गतिविधियों के माध्यम से इसका अभ्यास भी कराया. इसमें इंस्टेंट स्क्रिप्ट राइटिंग और ड्रामा जैसी गतिविधियां भी शामिल थीं.
इस छह दिवसीय कार्यशाला का आयोजन शिक्षण प्रशिक्षणार्थियों को उस कौशल से लैस करना है जो उन्हें आगे जाकर लोकप्रिय शिक्षक बनाने में सहयोगी साबित होगा. आरंभ में सहायक प्राध्यापक सीमा द्विवेदी ने अतिथि वक्ताओं का परिचय दिया. इस अवसर पर प्राचार्य डॉ अर्चना झा, शिक्षा संकाय की एचओडी डॉ नीरा पाण्डेय, डॉ वंदना सिंह, डॉ गायत्री जय मिश्रा, डॉ संतोष शर्मा, डॉ लक्ष्मी वर्मा, डॉ मालती साहू, डॉ नीता शर्मा, कंचन सिन्हा, पूर्णिमा तिवारी, सुधा मिश्रा, शिल्पा कुलकर्णी, ठाकुर देवराज सिंह, सहित बड़ी संख्या में बीएड प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे. अंत में धन्यवाद ज्ञापन सीमा द्विवेदी ने किया.

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