भिलाई। लापरवाही बरती तो यूरेटरिक स्टोन भी जानलेवा हो सकती है. आरोग्यम पहुंची इस महिला को पेट में चुभन वाले दर्द के साथ ही तेज बुखार था. पेशाब नहीं के बराबर हो रहा था. भोजन का नाम लेते ही मितली आती थी, उल्टी हो जाती थी. पूरे शरीर में सूजन थी. सांस लेने में तकलीफ हो रही थी. जांच करने पर महिला में यूरेटरिक स्टोन पाया गया. महिला को तत्काल आईसीयू दाखिल करना पड़ा.
यूरोलॉजिस्ट डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि ग्राम ढौर निवासी 32 वर्षीय वैजयन्तीमाला को यूरेटरिक स्टोन की शिकायत थी. इसमें पथरी उस नली या वाहिका में बनती या फंस जाती है जो पेशाब को किडनी से मूत्राशय तक पहुंचाते हैं. पथरी होने के कारण मूत्र का प्रवाह रुक जाता है और किडनी में भी दबाव बनने लगता है. संक्रमण का खतरा पैदा हो जाता है. आरंभिक तौर पर मरीज को मूत्र विसर्जन में तकलीफ होने लगती है तथा उसकी मात्रा भी कम होने लगती है. यदि मरीज तभी अस्पताल पहुंचे तो स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है.
उन्होंने बताया कि 27 अप्रैल को जब महिला को आरोग्यम लाया गया तो उसका बीपी और पल्स भी डूबने लगा था. क्रिएटिनिन काफी बढ़ा हुआ था. यह एक मेडिकल इमरजेंसी थी. मरीज को तत्काल वेंटीलेटर पर डालकर उसका डायलिसिस किया गया. मिनिमली इन्वेसिव तकनी से पथरी निकाल दी गई. महिला को लगभग एक सप्ताह तक वेन्टीलेटर पर रखना पड़ा. इस बीच मरीज के दिल की रफ्तार कम होने लगी थी और उसकी पंप करने की क्षमता 25 फीसदी के आसपास रह गई थी. पर गहन निगरानी में महिला का इलाज जारी रखा गया. मरीज अब पूरी तरह ठीक है और उसे जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी.
डॉ दारूका के सहयोगी डॉ निमाई दत्ता ने बताया कि मरीज की किडनी अब बराबर काम कर रही है और यूरिन आउटपुट भी सही हो गया है. महिला की त्वचा पर कुछ धब्बे अब भी बाकी हैं पर समय के साथ वह भी चला जाएगा. महिला को खान-पान के संबंध में विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है.