भिलाई। हाईटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक नवयुवक का जीवन बचा लिया गया. उसकी किसी अस्पताल में सर्जरी हुई थी जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई. जब उसे हाइटेक लाया गया वह शॉक में था. नब्ज और सांस तेज थी जबकि बीपी गिरा हुआ था. जांच करने पर पता चला कि उसकी छाती में हवा भरा हुआ है और एक फेफड़ा पिचक गया है. हवा के दबाव से हृदय भी अपनी जगह से खिसक गया है. इस स्थिति को Tension Pneumothorax कहते हैं.
हाइटेक के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट एवं सीनियर कार्डियक सर्जन डॉ रंजन सेनगुप्ता ने बताया कि 22 वर्षीय आदित्य सड़क हादसे का शिकार हुआ था. एक अन्य अस्पताल में उसके हाथ एवं पैर की सर्जरी हुई थी. सर्जरी के बाद एकाएक मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी तो उसे हाइटेक रिफर कर दिया गया. वह बेहोश था और उसकी हालत बेहद नाजुक थी. उसे दोपहर को हाइटेक लाया गया था.
दरअसल, मरीज का बायां फेफड़ा पंक्चर होकर पिचक गया था. छाती में हवा भरी हुई थी जिसके दबाव से हृदय एक ओर सरक गया था. इसके कारण हृदय को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों मुड़ गई थीं और हृदय को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पहुंच रहा था. मरीज की नाड़ी और सांस तेज थी जबकि बीपी बहुत कम थी. हीमोग्लोबिन का स्तर भी 2.5 पर पहुंच चुका था. यह एक मेडिकल इमरजेंसी थी. तत्काल ट्यूब डालकर मरीज के सीने से हवा को निकलने का रास्ता दे दिया गया. दबाव कम होते ही हृदय अपने स्थान पर लौट आया और दूसरा फेफड़ा भी काम करने लगा. शाम तक युवक खतरे से बाहर था.
डॉ सेनगुप्ता ने बताया कि यदि थोड़ी भी देर और हो जाती तो युवक की जान बचाना मुश्किल हो जाता. मरीज 24 घंटे के भीतर वेन्टीलेटर से बाहर आ गया.