दुर्ग। भारती विश्वविद्यालय दुर्ग एवं दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। भारती विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुशील चंद्राकर एवं कामधेनु विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. नारायण पुरूषोत्तम दक्षिणकर ने हस्ताक्षर किए। इस अनुबंध का उद्देश्य शैक्षणिक और अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देना है।
इस अवसर पर भारती विश्वविद्यालय, दुर्ग के कुलसचिव डाॅ. वीरेन्द्र कुमार स्वर्णकार एवं सी.ओ.ओ. श्री प्रभजोत सिंग भूई उपस्थित थे। कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डाॅ. नारायण पुरूषोत्तम दक्षिणकर ने कहा कि इस समझौते से दोनों संस्थाओ के बीच अनुसंधान, ज्ञान, कौशल, और बौद्धिक संपदा का आदान-प्रदान होगा। साथ ही सांस्कृतिक मूल्यों का संवर्धन भी होगा।
कुलाधिपति सुशील चन्द्राकर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि इससे दोनों विश्वविद्यालयों के मध्य शैक्षणिक व शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे निश्चित तौर पर दोनों ही विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं प्राध्यापकों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले सहित मध्य छत्तीसगढ़ में भारती विश्वविद्यालय विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए शिक्षा व शोध का केन्द्र बन गया है। कुलसचिव डॉ वीरेंद्र स्वर्णकार ने कहा कि भारती विश्वविद्यालय शिक्षा, शोध सहित सांस्कृति व गैर-शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। विश्वविद्यालय ने विद्यार्थियों व शोधार्थियों हेतु अवसरों को बढ़ाने के लिए विभिन्न विश्वविद्यालयों व शैक्षणिक संस्थानों से एमओयू किये हैं। इससे अकादमिक एवं शोध गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा जो कि छात्र-छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।