भिलाई। कुछ ही दिन एक निजी अस्पताल (आरोग्यम नहीं) में एक शिशु को जन्म देने के बाद 27 वर्षीय प्रसूता गंभीर संक्रमण का शिकार हो गयी. जब उसे आरोग्यम लाया गया तो उसकी हालत बहुत नाजुक थी. दोनों किडनियां फेल हो चुकी थी. शरीर में दूषित द्रव भर गया था जिसके कारण पूरा शरीर सूज गया था. महिला को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. उसका बीपी भी काफी कम था. मरीज की जान को खतरा था.
आरोग्यम पहुंचते ही मरीज श्रीमती अंजना की पूरी जांच की गई. किडनी ने काम करना बंद कर दिया था जिसके कारण क्रिएटिनिन और यूरीया बढ़ा हुआ था. यूरिन आउटपुट भी न के बराबर था. वह सांस भी नहीं ले पा रही थी. मरीज को DCMP (Dilated Cardiomyopathy) के साथ ही झटके आ रहे थे. हृदय अपनी क्षमता के 25 प्रतिशत पर काम कर रहा था. उसे तत्काल आईसीयू में भर्ती कर वेन्टीलेटर पर डाल दिया गया. इसके साथ ही उसकी इमरजेंसी डायलिसिस प्रारंभ कर दी गई. दो दिन बाद महिला का यूरिया और क्रिएटिनिन स्तर काबू में आया. साथ ही रक्तचाप भी बेहतर हो गया.
महिला अब स्वस्थ है. वह वेन्टीलेटर से बाहर आ गई है. डायलिसिस की भी जरूरत नहीं पड़ रही है. फिलहाल उन्हें गहन निगरानी में रखा गया है. महिला का जीवन बचाने यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका, नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ आरके साहू, डॉ निमाई दत्ता, डॉ अमित लाडे एवं अन्य सहयोगियों ने 24×7 मरीज की मानिटरिंग की.