भिलाई। एमजे कलेज में रैगिंग के खिलाफ जागरूकत कार्यक्रम का आयोजन किया गया. उत्कल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष ब्रह्मा मिश्रा इसके मुख्य वक्ता था. ऑनलाइन मोड में महाविद्यालय की आईक्यूएसी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री मिश्रा ने कहा कि रैगिंग की शुरुआत जर्मनी में हुई थी. इसका प्राथमिक उद्देश्य सेना में भर्ती होने वालों को आने वाले समय की चुनौतियों की लेइ तैया करना था.
एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर आयोजित इस कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे, उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया, सभी संकायों के अध्यक्ष सहित प्राध्यापकगण एवं विद्य्रार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. श्री मिश्रा ने आगे कहा कि जर्मनी से रैगिंग को ब्रिटेन ने एडॉप्ट किया और इसे भारत तक पहुंचा दिया. बाद के वर्षों में रैगिंग संस्कृति का शिक्षण सहित अन्य संस्थाओं में प्रवेश हो गया. उन्होंने कहा कि रैगिंग यदि सकारात्मक हो तो यह विद्यार्थी को भावी जीवन के लिये तैयार करता है. पर अगर इसका चेहरा कुरूप हो तो यह विद्यार्थी को संस्था छोड़ने, पढ़ाई छोड़ने या आत्महत्या करने तक के लिए विवश कर सकता है. इसलिए संयम जरूरी है.
निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर ने कहा कि महाविद्यालय में पिछले 15 वर्षों में रैगिंग का एक भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है. यहां सभी विद्यार्थी एक दूसरे के साथ हिल-मिलकर रहते हैं और उनका आचरण सहयोगात्मक ही होता है. उन्होंने कहा कि स्कूल से निकालकर कालेज पहुंचे विद्यार्थियों के लिए यह मुक्त जीवन का पहला पायदान भी है. महाविद्यालय जीवन विद्यार्थी को बताता है कि आने वाले जीवन में हमेशा आपको चलने के लिए मखमली घास नहीं मिलेगी. वहां कंकड़ पत्थर और कांटे भी होंगे. इन सबके साथ जीना सीखना होगा.
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ चौबे ने श्री मिश्रा का स्वागत करते हुए कहा कि महाविद्यालय के लिए यह दूसरा अवसर है जब वे उन्हें सुन रहे हैं. महाविद्यालय के लिए दो महत्वपूर्ण एमओयू करवाने में भी उनकी बड़ी भूमिका रही है. उन्होंने रैगिंग के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं की भी संक्षेप में चर्चा की. अंत में धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य डॉ श्वेता भाटिया ने किया.
महाविद्यालय में एंटी रैगिंग विषय पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार क्रमशः बीसीए फायनल ईयर के अमित प्रसाद, बीसीए तृतीय वर्ष की प्रिया भंडारकर तथा बीकॉम अंतिम की स्निग्धा सिंह को प्रदान किया गया.