भिलाई. एमजे कॉलेज ऑफ नर्सिंग में सोमवार को स्तनपान सप्ताह का शानदार समापन हुआ. जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ हिमानी गुप्ता के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस समारोह में एमजे ग्रुप ऑफ एजुकेशन की डायरेक्टर डॉ श्रीलेखा विरुलकर विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थीं.
मुख्य अतिथि ने इस अवसर पर स्तन पान के महत्व को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को नवीन जानकारियां दीं. उन्होंने बताया कि स्तनपान के महत्व से हम सभी परिचित हैं. यदि हम स्वस्थ भारत का बात करते हैं तो स्तनपान उसकी पहली कड़ी है. आज कामकाजी महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है. दुनिया तेजी से स्त्री और पुरुष दोनों को वर्कफोर्स में बराबर की भागीदारी देने की ओर बढ़ रही है. ऐसे में कार्यस्थल पर स्तनपान की व्यवस्था करना भी जरूरी हो जाता है. इसका एक और विकल्प है कि हम ब्रेस्ट मिल्क को पंप करके स्टोर कर सकते हैं ताकि शिशु को तब भी मां का ही दूध मिले जब मां उसके पास उपलब्ध न हो.
नर्सिंग स्टूडेन्ट्स ने इस अवसर पर नाटकों के द्वारा स्तन पान से जुड़े मिथकों और उसमें आने वाली दिक्कतों को रेखांकित किया. एक नाटक में एक ऐसी मां का चित्रण किया गया जो फिगर खराब हो जाने के डर से बच्चे को स्तनपान नहीं कराती थी. जब बच्चा कमजोर और रूग्ण हो जाता है तो डाक्टर उसे स्तन पान के फायदों के बारे में बताता है. इसी तरह एक नाटक में सार्वजनिक स्थानों पर स्तनपान कराने की असुविधाओं को दर्शाया गया तथा इसका उचित तरीका बताया गया. अंतिम नाटक में सीनियर स्टूडेंट्स ने दया बेन, टप्पू के पापा और शिशु टप्पू के किरदारों के माध्यम से बच्चे को फीड के बाद डकार दिलाने की विधि के बारे में बताया. इस नाटक में दया बेन ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं.
प्राचार्य प्रो. डैनियल तमिल सेलवन एवं उप प्राचार्य सिजी थॉमस के निर्देशन में आयोजित स्तनपान सप्ताह में ओबीजी की असिस्टेंट प्रोफेसर शिखा मार्टिन की मुख्य भूमिका रही. इसके साथ ही शिशु रोग विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर मोनीशा देशमुख, ओबीजी की असिस्टेंट प्रोफेसर मोनिका एवं इसी विभाग की लेक्चरर नेहा देवांगन का उल्लेखनीय सहयोग रहा.