दुर्ग। शासकीय डाॅ. वामन वासुदेव पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कौशल विकास केन्द्र एवं इतिहास परिषद के तत्वाधान में छत्तीसगढ़ महतारी की वेशभूषा पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कौशल विकास केन्द्र प्रभारी डाॅ. रेशमा लाकेश ने बताया कि छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक परिधानों और आभूषणों में चित्रित किया गया है। हरे रंग की साड़ी पहने माता के बाँए हाथ में धान की बाली और हंसिया है। माता का दूसरा हाथ अभय मुद्रा में संतानों को आशीर्वाद दे रहा है।
प्रशिक्षक मनीष कुमार ने छात्राओं को बताया कि यह देश का इकलौता राज्य है जिसे माँ के तौर पर पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ का वैभव संपन्नता हमारे किसानों से है, उनकी खुशहाली में छत्तीसगढ़ महतारी का ही आशीर्वाद है।
प्रशिक्षण में छात्राओं को छत्तीसगढ़ महतारी की वेशभूषा पर प्रशिक्षण दिया गया। विभिन्न पारंपरिक आभूषणों एवं वस्त्रों पर जानकारी देते हुए उनके ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि हमारे प्रदेश में छत्तीसगढ़़ महतारी के चित्र को सभी शासकीय शैक्षणिक संस्थानों में प्रमुखता से स्थान दिया जाता है। जिससे कि हमें हमारी माटी के गौरवाशाली इतिहास, संस्कृति का स्मरण रहे तथा हमारी नई पीढ़ी इससे परिचित हो सके।