दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में एनआईआरएफ एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 21 सितम्बर को किया गया। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) के अनुसार पांच मुख्य विषय वस्तु तथा इसके अंतर्गत समाहित उपविषयों के बीच सामंजस्य को समझना तथा एनआईआरएफ की आवश्यकताओं एवं इसके मापदण्ड पर विशेष प्रकाश डालना था।
मुख्य वक्ता नैक एक्रीडिटेशन एम्बेसडर तथा गुड गर्वेनेस सेल, पीआईएमआर इंदौर के प्रभारी डाॅ. दीपक जरोलिया थे। कार्यक्रम का प्रारंभ आयोजक सचिव डाॅ. प्रज्ञा कुलकर्णी ने सबके स्वागत से किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने अपने संबोधन में उच्चशिक्षण संस्थानों में एनआईआरएफ की आवश्यकता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के मुख्यवक्ता डाॅ. दीपक जरोलिया ने चार अलग-अलग सत्रों में एनआईआरएफ प्रपत्र के सभी बिंदुओं को विस्तार पूर्वक समझाया तथा प्रपत्र के अंकों की गणना करने की विधि समझायी। उन्होंने प्रपत्र में डेटा उपलब्ध कराने के समय बरती जाने वाली सावधानियों को विशेष रूप से बताया तथा एनआईआरएफ रैकिंग में महाविद्यालय की उपलब्ध जानकारियों के साथ अधिकतम अंक अर्जित करने के उपाय अत्यंत सरल शब्दों में विस्तारपूर्वक समझाया।
इस कार्यशाला में आईक्यूएसी संयोजक डाॅ. अनुपमा अस्थाना, नियंत्रक, स्वशासी प्रकोष्ठ परीक्षा डाॅ. जगजीत कौर सलूजा, आईक्यूएसी के सदस्य, डाॅ. तरलोचन कौर, डाॅ. अंशुमाला चन्दनगर, डाॅ. संजू सिन्हा एवं डाॅ. कुसुमाजंलि देशमुख, महाविद्यालय के सभी विभागों के विभाागध्यक्ष तथा अन्य प्राध्यापकों ने अपनी उपस्थिति दी। सभी उपस्थित सदस्यों ने एनआईआरएफ से संबंधित अपनी शंकायें मुख्य वक्ता के समक्ष रखी, जिसका उन्होंने अत्यंत सटीक उत्तर दिया। यह कार्यशाला आने वाले समय में महाविद्यालय को एनआईआरएफ रैकिंग में उच्च स्तर पर लाने में निश्चित रूप से उपयोगी सिध्द होगा।
कार्यशाला के अंत में प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर मुख्य वक्ता का अभिनंदन किया। धन्यवाद ज्ञापन आयोजक सचिव डाॅ. सुनीता बी. मैथ्यू ने दिया।