दुर्ग। शास. व्ही. वाय. टी. स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय के अर्थशास्त्र विभाग में व्याख्यान का आयोजन किया गया। ‘भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था’ विषय पर अर्थशास्त्री एवं विभागाध्यक्ष डाॅ. एम. के. अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि वर्तमान में भारत एक उभरती अर्थव्यवस्था के रूप में विश्व पटल पर अपनी धाक जमा रहा है। उन्होंने इस वास्तविक धारणा को सिद्ध करने के लिए कई मापदण्डों का माध्यम के रूप में प्रयोग किया, जैसे शिक्षा, स्वास्थ, प्रतिव्यक्ति आय, जीवन प्रत्याषा और इनके अलावा वर्तमान में कल्याण भी शामिल किया गया है। उन्होंने अपने सारगर्भित व्याख्यान में भारत की तुलना विश्ल के अन्य प्रगतिशील राष्ट्रों से करते हुए स्पष्ट किया कि आज भारत यदि विश्व की अधिकतम आबादी वाला देश है तो वहीं उसकी आर्थिक प्रगति भी अन्य राष्ट्रों की तुलना में अधिकतम है।
इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डाॅ. शिखा अग्रवाल ने बताया कि यह विषय वर्तमान में अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिये इस कारण मायने रखता है, क्योंकि देश के प्रधानमंत्री आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डाॅलर की देखना चाहते हैं। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए युवाशक्ति का भी उतना ही योगदान आवश्यक है।
महाविद्यालय के प्राचार्य, डाॅ. आर. एन. सिंह ने अपने संबोधन में भारत के तेज गति से बढ़ते सकल घरेलू उत्पाद की चर्चा करते हुए कहा कि भारत विश्व का तीसरा देश है जहां तेज गति से स्टार्टअप, यूनिकाॅन स्टार्टअप बढ़ रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अंशुमाला ने किया तथा आभार प्रदर्शन डाॅ. के. पद्मावती के द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभागीय सदस्य डाॅ. एल. के. भारती, डाॅ. ए.के. खान, डाॅ. नीता मिश्रा एवं अर्थशास्त्र एवं वाण्ज्यि के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में व्याख्यान से लाभान्वित हुए।