भिलाई। एक 12 वर्षीय बालक की जान हाइटेक सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल की बाल्यरोग विभाग की टीम ने बचा ली. बालक लिवर की नसों में सूजन और अत्यधिक रक्तस्राव का शिकार था. दो दिन पहले उसे जिला सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया था. जहां बालक की हालत बिगड़ती गई और वह खून की उलटियां करने लगा. इसके बाद उसे हायर सेन्टर रिफर कर दिया गया. ऐसी स्थिति को एक्स्ट्राहेपाटिक पोर्टल हाइपरटेंशन कहा जाता है.
हाइटेक के पीडियाट्रिक इंटेंन्सिविस्ट डॉ मिथिलेश यदु एवं शिशु रोग महातज्ञ डॉ सुधाकर ने मरीज की जांच की. उसके लिवर से संबंधित नसों में सूजन थी. इस रोग में लिवर की नसों में अत्यधिक सूजन आ जाती है और दबाव बढ़ने पर इनके सिरे फूट जाते हैं और रक्तस्राव होने लगता है. बालक के साथ भी यही हुआ था. उसने न केवल खून की उलटियां की थी बल्कि उसके पाचन संस्थान से भी रक्तस्राव हो रहा था. 24 घंटे के भीतर रक्तस्राव के चलते उसका हीमोग्लोबिन गिर कर 5 ग्राम पर आ चुका था.
बालक को इंटेंसिव केयर में लेकर तत्काल उसका इलाज प्रारंभ किया गया. रक्तस्राव के कारण शरीर में जल की भी कमी हो जाती है. अतः उसे आईवी ड्रिप के साथ ही ऑक्सीजन पर रखा गया और रक्त की कमी को दूर करने के लिए दो यूनिट रक्त चढ़ाया गया. 15 घंटे के भीतर बालक की हालत में काफी सुधार हो गया.
डॉ यदु ने बताया कि लिवर के साथ नसों के सूजन की इस स्थिति को एक्स्ट्राहेपाटिक पोर्टल हाइपरटेंशन कहा जाता है. वेरिसियल रक्तस्राव पोर्टल उच्च रक्तचाप की एक जीवन-घातक जटिलता है जिसमें मृत्युदर काफी ज्यादा होती है. बालक को समय पर जिला अस्पताल से हायर सेंटर को रिफर कर दिया गया था जिससे उसका जीवन बचाना संभव हो गया.
डॉ यदु ने बताया कि लिवर से संबंधित नसों में दबाव बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं. ज्यादातर वयस्कों में यह बीमारी क्रॉनिक अल्कोहॉलिक होने की वजह से होती है जिनका लिवर खराब हो चुका होता है. बच्चों में इस बीमारी के कई अन्य कारण हो सकते हैं.
उन्होंने बताया कि बारिश के मौसम में पेट दर्द और उल्टी जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए बल्कि तत्काल विशेषज्ञ की सलाह लेनी चाहिए. यह हेपेटाइटिस हो सकता है. हेपेटाइटिस के अलग-अलग वायरस के संक्रमण के अलग-अलग लक्षण हो सकते हैं जिनकी पहचान केवल एक विशेषज्ञ ही कर सकता है.