भिलाई। किडनी (गुर्दा) की पथरी को लेकर अकसर लोग लापरवाह होते हैं. पर यह पथरी किस हद तक शरीर को नुकसान पहुंचा सकती है, इसका ताजा मामला आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में सामने आया है. 55 वर्षीय इस मरीज की बायीं किडनी में पथरी थी जो यूरेटर में जा फंसी थी. इसके चलते किडनी सूजती गई और अंततः फट गई. मरीज के पेट और किडनी से लगभग 2 लिटर पस निकाला गया.
यूरोसर्जन डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि किडनी में रक्त का शोधन होता है जिसके बाद कचरा पेशाब के साथ नीचे आकर मूत्राशय में जमा होता है. किडनी में पथरी का बनना एक आम घटना है. अकसर पथरी स्वयं निकल भी जाती है. पर पथरी बड़ी होने पर वह किडनी को नुकसान पहुंचाती है, किडनी से निकलकर पथरी मूत्रवाहिनी में आकर फंस जाती है. ऐसे में प्रवाह रुक जाता है और अपशिष्ट पदार्थ किडनी में ही इकट्ठा होने लगता है. इसकी वजह से किडनी पूरी तरह नष्ट हो सकती है.
उन्होंने बताया कि मरीज को जब अस्पताल लाया गया था तब उसे पेट के बायें हिस्से में दर्द की शिकायत थी. पेट के बायें हिस्से में सूजन भी थी और मरीज को बुखार आता जाता रहता था. यह पायोनेफ्रोसिस अर्थात गुर्दे में संक्रमण के द्योतक थे. सीटी स्कैन करने पर पता लगा कि पथरी की वजह से किडनी सूज कर फट चुकी थी. इसका पस (पीव) पेट के भीतर मूत्राशय तक फैला हुआ था.
डॉ दारूका ने बताया कि ड्रेन लगाकर पस को निकालने की व्यवस्था की गई. लगभग 2 लिटर पस निकाला गया है. साथ ही लिथोट्रिप्सी द्वारा पथरी को तोड़ कर बहा दिया गया. जब मरीज को लाया गया था तब उसका क्रिएटिनिन स्तर 2.9 था. वह गंभीर संक्रमण की स्थिति में था. इससे जान को भी जोखिम हो सकता है. पस को ड्रेन करने के साथ ही संक्रमण का इलाज किया जा रहा है. फिलहाल मरीज स्थिर है और उसे जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.