भिलाई। प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन या वृद्धि अधिक आयु के पुरुषों में एक सामान्य सी समस्या है. पर जब यह सूजन मूत्र विसर्जन में रुकावट पैदा करने लगे तो बहुत परेशान कर सकती है. आरोग्यम सुपरस्पेशालिटी हॉस्पिटल में एक 62 वर्षीय पुरुष इस गंभीर समस्या के साथ पहुंचा. पेशाब रुक जाने के कारण वह तीव्र पीड़ा से गुजर रहा था. पेशाब की थैली तन चुकी थी जिसमें लगभग 400 एमएल पेशाब जमा था. टीयूआरपी के बाद उनकी समस्या जाती रही.
आरोग्यम के यूरोलॉजिस्ट डॉ नवीन राम दारूका ने बताया कि दरअसल, मूत्रनलिका प्रोस्टेट ग्रंथि में से होकर गुजरती है. जब प्रोस्टेट में सूजन आ जाती है तो वह मूत्रनलिका पर दबाव डालने लगता है. इससे मूत्रस्राव में रुकावट आ जाती है. जोर लगाने पर किस्तों में मूत्र विसर्जन होता है. मूत्र रुके रहने के कारण पेशाब की थैली में संक्रमण हो जाता है और तकलीफ बढ़ती चली जाती है. राजनांदगांव के सुकुलदैहान गांव से इस मरीज को लाया गया था.
प्रोस्टेट का मूल कार्य यौन संगम के दौरान शुक्राणुओं को आगे बढ़ाने के लिए एक स्राव का निर्माण करना है. उम्र बढ़ने के साथ-साथ इसकी क्षमता कम हो जाती है. इसका आकार बढ़ने लगता है और मूत्रवाहिनी का मार्ग बाधित होने लगता है. इस वृद्धि का इलाज करने के लिए प्रोस्टेट का ट्रांसयूरेथ्रल रिसेक्शन (टीयूआरपी) एक सामान्य सर्जरी है. इसके लिए रेक्टोस्कोप को मूत्रमार्ग से ही भीतर सरकाया जाता है जो अतिरिक्त प्रोस्टेट ऊतक को देखने और हटाने में मदद करता है.
डॉ दारूका ने बताया कि प्रोस्टेट में सूजन के अन्य कारण भी हो सकते हैं पर इसमें अधिक उम्र से ही सबसे बड़ी वजह है. प्रोस्टेट ग्रंथि में वृद्धि से बिनाइन प्रोस्टेटिक हाइपरप्लासिया (बीपीएच) नामक स्थिति हो सकती है, जिसे सामान्य भाषा में प्रोस्टेट बढ़ना भी कहा जाता है. यह एक गैर-कैंसरयुक्त स्थिति है जो 50 से अधिक उम्र के पुरुषों में बहुत आम है.
उन्होंने बताया कि बार-बार पेशाब आना, तत्काल पेशाब करने की आवश्यकता, पेशाब करने में कठिनाई, मूत्र टपकना, मूत्र विसर्जन के दौरान दर्द होना, गंदला या रक्त युक्त मूत्र आने पर तत्काल यूरोलॉजिस्ट से सम्पर्क करना चाहिए. इसके साथ ही पेरीनियम, पीठ के निचले हिस्से, कमर या पेट में दर्द, बुखार अथवा ठंड लगना, थकान, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण भी सकते हैं.