भिलाई। पित्ताशय की पथरी यदि बड़ी हो जाए तो काफी परेशान कर सकती है. पथऱी का आकार बड़ा हो तो वह पित्ताशय के मुख में फंस कर तेज दर्द का कारण बन सकती है. इसी तरह पथरी अगर पित्त की नली में जाकर फंस जाए तो भी मरीज दर्द से छटपटा जाता है. 45 वर्षीय इस मरीज की मूल पित्त वाहिनी (CBD) में लगभग 15 मिमी की पथरी फंसी हुई थी. बिलिरुबिन 16 तक बढ़ा हुआ था और पीलिया के लक्षण स्पष्ट थे.
हाइटेक के गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ आशीष देवांगन ने बताया कि मुख्य यकृतीय वाहनी और पित्ताशयी वाहिनी मिलकर मूल पित्त वाहिनी बन जाते हैं. पथरी यहीं पर फंसी हुई थी जिसके कारण पित्त का मार्ग अवरुद्ध हो गया था. मरीज में पीलिया के लक्षण प्रकट हो चुके थे. पहले ईआरसीपी द्वारा पथरी को निकालने की कोशिश की गई पर पथरी ज्यादा बड़ी होने के कारण उसे निकालना संभव नहीं हुआ. तब उसे मेकानिकल लिथोट्रिप्सी द्वारा तोड़ा गया और फिर चूरे को ईआरसीपी के द्वारा निकाल दिया गया.
डॉ देवांगन ने बताया कि भिलाई के किसी अस्पताल में मेकानिकल लिथोट्रिप्सी का संभवतः यह पहला मामला है. लिथोट्रिप्सी का आम तौर पर किडनी की पथरी तोड़ने के लिए उपयोग किया जाता है जिसमें अल्ट्रासाउंड का उपयोग किया जाता है. सीबीडी स्टोन को तोड़ने के लिए मेकानिकल लिथोट्रिप्टर का उपयोग किया गया.