दुर्ग। शासकीय डाॅ. वा.वा. पाटणकर कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के नृत्य विभाग द्वारा नृत्यांजलि (वैल्यू एडेड कोर्स) का आरंभ हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में डाॅ. जी. रथीश बाबू (नाट्याचार्य-नृत्यति कलाक्षेत्रम्) ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि शास्त्रीय नृत्यों के माध्यम से भारतीय परम्परा संरक्षित होती है. जीवन अनुशासित होता है. यह लय, ताल और संतुलन को बनाये रखता है.
महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. सुशील चन्द्र तिवारी ने कहा कि इस सर्टिफिकेट कोर्स से अन्य संकाय की छात्राओं को भी सीखने मिलेगा. शास्त्रीय नृत्य परंपराओं के विषय में उन्हें आधारभूत जानकारी मिल सकेगी।
विभागाध्यक्ष डाॅ. ऋचा ठाकुर ने बताया कि लगभग 65 छात्राओं ने इसके लिये पंजीयन कराया है जिसमें वे भरतनाट्यम के शास्त्रीय एवं सैद्धांतिक पक्ष की सामान्य जानकारी सीखेंगी. उनके लिए विषय-विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जायेगा जिसमें नृत्य के इतिहास एवं नृत्य के शारीरिक एवं मानसिक लाभ तथा वर्तमान स्थिति पर प्रकाश डाला जायेगा.
इस अवसर पर अनामिका मिश्रा, मौसमी, निशा गुप्ता, उर्वषी निर्मल एवं चारूलता देशमुख ने विशेष सहयोग प्रदान किया.
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्शन विभागाध्यक्ष डाॅ. ऋचा ठाकुर ने किया।