भिलाई। एक मामूली रोड एक्सीडेंट इतना भयानक हो सकता है, इसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी. डेंटल कालेज का छात्र अभिषेक सड़क हादसे में घायल हो गया. अंदरूनी चोट से शरीर का लगभग पूरा खून बहकर पेट में इकट्टा हो गया. मरीज का दिल भी बैठने लगा था. बिना कोई वक्त गंवाए उसकी धड़कनों को लौटाने की कोशिश करते हुए उसी अवस्था में उसे ओटी में लिया गया. सर्जरी सफल रही और सात दिन बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
डॉ नवील शर्मा ने बताया कि युवक को दोपहर को अस्पताल लाया गया था. उसके शरीर का पूरा खून निचुड़ चुका था. दिल की धड़कन भी रुकने लगी थी. हाईटेक की पूरी टीम तत्काल छात्र के प्राण बचाने में जुट गई. सबसे पहले जरूरी था भीतर हो रहे रस्तस्राव को रोकना और तब तक लगातार रक्त चढ़ाते रहना और धड़कनों को बचाए रखना. दरअसल, चोट इतनी गहरी थी कि उसकी तिल्ली फट चुकी थी. लगभग दो घंटे चली सर्जरी के बाद कहीं जाकर छात्र की स्थिति काबू में आई. रक्तस्राव बंद होने के बाद छात्र की स्थिति में सुधार होने लगा और जब उसे ओटी से बाहर लाया गया तो उसका बीपी सामान्य के करीब आ चुका था.
हाइटेक की पूरी ट्रॉमा टीम, जिसमें सर्जन डॉ नवील शर्मा के साथ के साथ इंटेन्सिविस्ट डॉ श्रीनाथ, कार्डियोलॉजिस्ट डॉ आकाश बख्शी, निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ नरेश देशमुख, एवं सीनियर नर्सों की पूरी टीम शामिल हैं, की इस छात्र को बचाने में बड़ी भूमिका रही. सर्जरी के दौरान छात्र को 12 यूनिट रक्त चढ़ाना पड़ा, साथ ही लगभग 15 यूनिट प्लाज्मा और इसी अनुपात में प्लेटेलेट्स चढ़ाने पड़े. उसके पेट से लगभग 9 लिटर खून निकाला गया. इसके बाद छात्र ने तेजी से स्वास्थ्य लाभ किया और सातवें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.