भिलाई। एमजे कालेज (फार्मास्युटिकल साइंस) में आज फार्मेसी एजुकेशन डे का आयोजन किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ दुर्गा प्रसाद पंडा ने कहा कि देश में फार्मेसी विज्ञान की विधिवत पढ़ाई शुरू कराने वाले महादेव लाल श्रॉफ को याद करने के लिए यह दिवस उनके जन्मदिवस 6 मार्च को मनाया जाता है. ब्रिटिशकालीन भारत में उन्होंने बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में इस विभाग की स्थापना 1937 में की थी.
डॉ पंडा ने बताया कि उन दिनों भारत दवा उद्योग को कच्चा माल निर्यात करता था और तैयार दवाइयों का आयात करता था. गुणवत्ताविहीन दवाइयां भारतीय बाजार में डंप की जाती थीं. देश के पास अपना कोई औषधि उद्योग नहीं था. जो कुछ था उसके नियमन की कोई व्यवस्था नहीं थी, देश के पास दवाइयों की गुणवत्ता परखने के लिए कोई प्रयोगशाला तक नहीं थी. डॉ श्रॉफ ने इस कमी को समझा और एक ऐसी पहल की जिसपर आगे चलकर देश ने अपना मुकाम बना लिया है. लगभग 8 दशक बाद भारत ने पूरी दुनिया के लिए कोरोना का कवच देकर उनके सपने को साकार भी कर दिया. उन्होंने देश के फार्मा उद्योग के बारे में भी विस्तार से बताया.
एमजे कालेज के प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे ने इस अवसर पर कहा कि देश का संविधान लागू होने से भी पहले आए दो महत्वपूर्ण एक्ट में से एक फार्मेसी एक्ट भी है जिसे 4 मार्च 1948 को देशभर में लागू कर दिया गया था. उन्होंने फार्मेसी के विद्यार्थियों को इस बात के लिए भी बधाई दी की सातवें सेमेस्टर के 50 से अधिक बच्चों ने 80 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित किये.
आरंभ में फार्मेसी कालेज के उप प्राचार्य राहुल सिंह ने विद्यार्थियों को नियमित रूप से कालेज आने और विद्यार्थी जीवन में कठिन परिश्रम के लिए प्रेरित किया. उन्होंने उन तमाम क्षेत्रों की भी चर्चा की जिसमें फार्मेसी साइंस के विद्यार्थी अपना शानदार करियर बना सकते हैं.
कार्यक्रम का संचालन सहायक प्राध्यापक माधुरी वर्मा ने किया. इस अवसर पर प्रशासकीय पदों पर कार्यरत पंकज सिन्हा, दीपक रंजन दास के अलावा सभी फैकल्टी मेम्बर्स एवं स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में उपस्थित थे.