भिलाई। श्रीशंकराचार्य टेक्निकल कैम्पस में आईओटी बूटकैम्प सोमवार को प्रारंभ हो गया। 5 दिवसीय विश्व स्तरीय आईबी हब्स बूटकैम्प-2018 का आयोजन कम्प्यूटर सांईस विभाग के डॉ सिद्धार्थ चौबे एवं सोनु अग्रवाल के निर्देशन एवं कालेज के विद्यार्थियों हर्ष चौहान, अविनाश शर्मा, अन्सा अहमद के सहयोग से किया जा रहा है। यह कार्यक्रम सभी छात्रों संकाय अनुसंधान विद्वानों उद्यमियों के लिए है। बूटकैंप में प्रमुख रूप से दो उन्नत तकनीकों आईओटी और साइबर सिक्योरिटी पर आधारित होगा। जिसमे प्रतिभागियों को 25 दिन का समय आईओटी डेवेलपमेंट किट के साथ प्रोजेक्ट बनाने के लिए दिया जाएगा। साथ ही प्रतिभागियों को एक दिवसीय मेकाथॉन में भाग लेने का अवसर भी मिलेगा। एक ऐसी एम्बुलेंस जो किसी सड़क दुर्घटना का शिकार हुए व्यक्ति को लेने जाते समय पहले तो सबसे कम समय लेने वाले रास्ते का चुनाव कर सकेए और फिर घायल का पूरा चिकित्सकीय इतिहास आॅनलाइन खंगालकर उसकी प्राथमिक चिकित्सा में जो उपकरण व दवाएँ लग सकती हैंए उन्हें तैयार कर ले। चौंकिए मत! सूचना प्रौद्योगिकी हमारी दुनिया को कहाँ ले जाएगीए कोई नहीं जानता।
डॉ सिद्धार्थ चौबे ने बताया कि तीन-चार दशक पहले आधुनिक कम्प्यूटर के पहले पदार्पण तक हमारी दुनिया में हर प्रकार की तकनीक ने मंथर गति से पदार्पण किया। उदाहरण के लिए पत्थरों से शिकार करने से लेकर आग जलाकर उसे पकाने और आग के माध्यम से जानवरों को डराकर उनका शिकार करना सीखने में इंसान को लगभग 12 लाख वर्ष लग गए। लेकिन अब आलम यह है कि लगभग हर वर्ष तकनीक हमारे जीवन को पूरी तरह बदल डालती है। जैसे 1996 के लगभग भारत में पेजर का पदार्पण हुआ किंतु 1 ही साल के भीतर मोबाइल फोन आए और पेजर का वजूद खत्म-सा हो गया।
इसी प्रकार पिछले कुछ समय में मोबाइल ऐप्स ने अपना डंका बजा दिया और दुनिया ने समझा कि अब सबकुछ ये ऐप्स ही करेंगे, परंतु सूचना-प्रौद्योगिकी की तेज चाल फिर सबकुछ बदलने लगी है। इस बार सामने आए हैं इंटरनेट इनेबल्ड डिवाइस, स्मार्ट वॉच, टीवी या स्मार्ट फोन की नहीं हम बात कर रहे हैं उन उपकरणों की जो खुद सोच सकते हैं और अपने मन से कोई काम कर सकते हैं। और इनके साथ उदय हुआ हैइंटरनेट आॅफ थिंग्स (आईओटी) का!
आईबी हब, एमअईटी व आईआईटी के अलुमनी के द्वारा शुरु किया हुआ एक अखिल भारतीय स्टार्टअप् है जो आईओटी से संबंधित आधुनिक तकनीक पर युवाओ के रिसर्च को बढावा देने हेतु प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है।
प्रथम तकनीक आईओटी समस्त उपकरणो जैसे एसी कार व अन्य उपकरणो को मोबाईल के माध्यम से कंट्रोल करना सिखाया जायेगा। इस आयोजन के अंत में प्रतिभागियो को अपने अनुसार किसी उपकरण को कंट्रोल करने हेतु एक प्रोटोटाईप बना के देना होगा, जिसके आधार पर विजेता चुना जायेगा। द्वितीय तकनीक साइबर सिक्योरिटी के अंतर्गत छात्रो को इन्टरनेट के सुरक्षित उपयोग से संबंधित जानकारियां दी जायेगी।
विभाग के प्रमुख समता गजभिये ने बताया कि इस टीमो के द्वारा बहुत ही कम लागत में विभिन्न प्रोटोटाईप बनाये जायेंगे। मेक ईन ईडिया के तहत इस तरह के आयोजन व्यवसायिक उत्पादन हेतु बहुत ही लाभप्रद है ।
इस उपलक्ष्य में संस्था चेयरमैन आईपी मिश्रा श्री गंगाजली एजुकेशन सोसाइटी, श्रीमती जया मिश्रा, अध्यक्ष, श्री गंगाजली एजुकेशन सोसाइटी, भिलाई एवं डॉ पी बी देशमुख, निदेशक एसएसटीसी ने भाग होने वाले समस्त छात्र-छात्रों को हार्दिक शुभकामना देते हुए कहा है कि संस्थान अपना दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और तनमयता से कर रहा है। संस्था के पास आउट्स देश और दुनिया में संस्था का नाम रौशन कर रहे हैं।