भिलाई। ‘मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट’ एक ऐसा प्रकल्प है जिसमें बच्चों को देना सिखाया जाता है। देना या दे पाना एक ऐसी विधा है जो आपको अनन्त आनन्द से परिपूर्ण कर सकती है। ‘लिबास’ इस ट्रस्ट का एक ऐसा ही प्रकल्प है जिसमें बच्चे जुड़े हैं। यहां लोग अप्पने लिए अनुपयोगी वस्त्र, छाता, रेनकोट, कम्बल छोड़ कर जाते हैं जिसे प्रत्येक शनिवार को जरूरतमंदों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाता है।देने वालों को जीवन भर मिलता ही रहता है। यह व्यक्ति को इतनी खुशी दे सकता है जिसकी कल्पना तक नहीं दी जा सकती।डॉ संतोष राय ने बताया कि इसी अवधारणा के साथ इस प्रकल्प को शुरू किया गया। पिछले कुछ महीनों में यह बेहद लोकप्रिय हुआ है। उन्होंने बताया कि मां शारदा सामर्थ्य चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा श्रमिक बस्ती एवं जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए निरंतर आवश्यक वस्तुए उपलब्ध करा रहा है। ‘मानव सेवा ही भगवान की सबसे बड़ी सेवा’ की अवधारणा के तहत ही नेहरू नगर में ‘लिबास’ प्रारंभ किया गया। यहांं प्रत्येक शनिवार को जरूरतमंदों को कपड़े, कंबल, छाता, हाथ पंखा, सायकिल आदि प्रदान किया जाता है।
ट्रस्ट द्वारा वंचित स्कूली बच्चों को फीस से लेकर पेन, कॉपी, ड्रेस आदि की मदद की जाती है। साथ ही समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को ट्रस्ट द्वारा प्रोत्साहित भी किया जाता हैं। ट्रस्ट ने बहुत कम समय में अपने कार्यों से लोगों के दिलों में अपने लिए एक अलग जगह बनाई है। ट्रस्ट से जुड़े लोगों का मानना है कि ‘अच्छे कार्य करते जाओ-गिनती मत करो। ऐसा नहीं है कि इंसान खाली हाथ आता हैं, और खाली हाथ जाता है। इंसान भाग्य लेकर आता हैं और कर्म लेकर जाता है।’ ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा समय-समय पर विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जा-जाकर कैरियर मार्गदर्शन की कार्यशालाएं आयोजित की जाती है। ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर समाज में व्याप्त बुराइयों के प्रति जागरूकता लाने के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।