इलेक्ट्रानिक वेस्ट रिसाइक्लिंग के लिए एमजे कालेज में बीसीआरएस ने की अपील
भिलाई। 10 लाख मोबाइल फोन को रिसाइकल कर उससे 34 किलो सोना, 350 किलो चांदी, 15 किलो पैलडियम और 16000 किलो तांबा निकाला जा सकता है। तेजी से अपडेट हो रहे इलेक्ट्रानिक्स के बाजार में उससे भी अधिक तेजी से इलेक्ट्रानिक वेस्ट उत्पन्न हो रहा है। इसकी रीसाक्लिंग जरूरी है। उक्त बातें भिलाई सिविक रिफॉर्म सोसायटी के अरविन्द रस्तोगी ने एमजे कालेज में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने महाविद्यालय के स्टाफ एवं स्टूडेन्ट्स से अपील की कि वे ई-वेस्ट को एकत्र करें और बीसीआरएस को सौंप दें ताकि उन्हें ट्रक लोड के रूप में रिसाइक्लिंग केन्द्रों तक भेजा जा सके।उन्होंने बताया कि जिस भी उपकरण में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड होता है उसे अगर यूं ही फेंक दिया जाए तो वह पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचा सकता है। ये बोर्ड मोबाइल फोन, टैबलेट, टीवी, लैपटॉप, कम्प्यूटर, गेम्स, जैसे सैकड़ों इलेक्ट्रानिक गैजेट्स में होते हैं। इसमें जहरीले तत्व होते हैं जो पादप समेत समूचे प्राणिजगत के लिए हानिकारक है। 16 वर्षीय छात्रा ग्रेटी थुनबर्ग एवं 22 वर्षीय छात्र जोशुअ कोंग द्वारा इस दिशा में प्रारंभ किये गये प्रयासों का उल्लेख करते हुए छात्र समुदाय से आगे आने का आह्वान किया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डॉ अनिल चौबे, बीसीआरएस के एमएस टकलीकर, डीएम राव, आरसी शर्मा, एसकेएस गहरवार, डीसी पाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग के सहायक प्राध्यापक सौरभ मंडल ने किया।