भिलाई। राज्य स्तरीय शिवनाथ सेवा मण्डल द्वारा जल सम्मेलन का आयोजन शिवनाथ नदी महमरा एनीकट तट पर किया गया। सम्मलेन में डॉ. राजेन्द्र सिंह पर्यावरणविद मैग्सेस पुरस्कार से सम्मानित मुख्य अतिथि थे। कार्यक्रम के संयोजक संजय मिश्रा ने बताया शिवनाथ बचाओ, जल बचाओ, कल बचाओ अभियान के तहत इस कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को नदी एवं जल बचाने के लिए प्रेरित करना था। इस अभियान में स्वरुपानंद महाविद्यालय के विद्याथिर्यों ने ‘गंगा’ नाटक के माध्यम से लोगों को नदी को प्रदूषित होने से रोकने का संदेश दिया। नाटक में एक व्यक्ति किशन द्वारा परिवार में होने वाले मृत्यु पर गंगा जा कर अस्थि विसर्जन करने पर यह अनुभव किया जाता है कि धार्मिक परंपरा के कारण आज अस्थि एवं अन्य पूजा सामाग्रीओं को पालीथिन या प्लास्टिक के डब्बो में फेंक दिया जाता है जिस कारण ना केवल गंगा बल्कि अन्य नदिया भी प्रदूषित हो रही है। किशन द्वारा अपने बच्चों को यह कहा जाता है कि उसके मृत्यु पर अस्थि को गंगा में विसर्जित ना कर अस्थि के साथ कोई फलदार या छायादार पौधा लगाकर उसमें सबसे पहले गंगाजल डाला जाय इस प्रकार नदिया प्रदूषित भी नहीं होगी तथा पौधा लगने से पर्यावरण संरक्षित होगा।
नाटक मंचन पर मुख्य अतिथि राजेन्द्र सिंग ने कहा कि इस तरह नाटक के माध्यम से हम लोगों को जलप्रदूषित न करने के लिये प्रेरित कर जल बचाओं कल बचाओं के लिए जागरुक कर सकते है। सभी अतिथियों ने विद्यार्थियों के नाटक के माध्यम से नदी बचाओं के लिये किये गये प्रयास की सराहना की। स्वरुपानंद महाविद्यालय को वर्ष भर जल संरक्षण के लिये डॉ. शमा ए. बेग के संयोजन में ग्रीन आॅडिट कमेटी द्वारा किये गये काम हेतु शिवनाथ सेवा मण्डल द्वारा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।
गंगा नाटक में बीबीए चतुर्थ सेमेस्टर से परिणय मझगौरी तथा बीबीए द्वितीय सेमेस्टर से पूजा सिंग, दिशा यादव, साक्षी दिल्लीवार, सृष्टि सिंग, श्रेया ने अभिनय किया। गंगा नाटक लेखन एवं निर्देशन महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. हंसा शुक्ला के द्वारा किया गया।