दुर्ग। शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर महाविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण दिवस के अवसर पर वनस्पति विभाग द्वारा एक दिवसीय ऑनलाईन राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता एवं अतिथि डॉ एम.एल. नायक (पूर्व विभागाध्यक्ष, स्कूल ऑफ स्टडीज इन लाइफसाइंस तथा पूर्व डायरेक्टर जनरल, छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, रायपुर) ने जल संरक्षण की अपेक्षा जल प्रबंधन करने पर जोर डाला। डॉ नायक ने अलग-अलग क्षेत्रों के वन विभागों द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण हेतु प्रयासों से अवगत कराते हुए एक नए कॉन्सेप्ट इकोसिस्टम सर्विसेज के बारे में बताया, जिसमें इकोसिस्टम से संबंधित बायोडाइवर्सिटी कंजर्वेशन जैसे बहुत से प्रसंगों की व्याख्या की गई। उन्होंने वनों तथा पेड़-पौधों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए एकल प्रजाति, स्थानीय क्षेत्र प्रजातियों का संरक्षण, जैव विविधता के संरक्षण के बारे में बहुत ही सामान्य भाषा में जानकारी दी। अंत में उन्होंने स्थानीय क्षेत्रों का भ्रमण कर, फ्लोरा एंड फौना के प्रति जागरूक होने तथा दूसरों को जागरूक करने की अपील की।
कार्यक्रम का परिचय डॉ. सतीश कुमार सेन ने किया, तथा डॉ. जी एस ठाकुर ने उपस्थित प्रतिभागियों का स्वागत किया।
आरंभ में एमएससी सेकंड सेमेस्टर की छात्रा रेशमा मंडावी ने पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के द्वारा राष्ट्रीय फ्लोरा एंड फोना के बारे में सभी को अवगत कराया। एक दिवसीय ऑनलाईन राष्ट्रीय वेबिनार का समन्वयन एमएससी सेकंड सेमेस्टर की छात्रा महिमा सिन्हा, रेशमा मंडावी, नितिन डिंडोरे, एवं अजय वर्मा ने किया, जिसमें देशभर के जाने-माने प्राध्यापक एवं प्रतिभागियों ने गूगल मीट एवं यू-ट्यूब ऐप के जरिए हिस्सा लिया। कार्यक्रम में महाविद्यालय के डॉ रंजना श्रीवास्तव, प्रोफेसर गायत्री पाण्डेय, डॉ के आई टोप्पो, डॉ जीएस ठाकुर, डॉ श्रीराम कुंजाम, डॉ एस. के. सेन, डॉ विजय लक्ष्मी नायडू, डॉ संजू सिन्हा, डॉ दिलीप साहू एवं एमएससी सेकंड सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
डॉ. श्रीराम कुंजाम तथा एमएससी सेकंड सेमेस्टर के छात्र अश्विनी गौतम ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।