भिलाई। अंतरराष्ट्रीय शतरंज दिवस के अवसर पर आज एमजे कालेज की आईक्यूएसी के तत्वावधान में क्रीड़ा विभाग द्वारा अंतर विभागीय शतरंज का आयोजन किया गया। महाविद्यालय की निदेशक डॉ श्रीलेखा विरुलकर के निर्देश पर इस कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य डॉ अनिल कुमार चौबे के मार्गदर्शन में किया गया। उल्लेखनीय है कि महाविद्यालय को हेमचंद यादव विश्वविद्यालय द्वारा अंतर महाविद्यालयीन खेलों के आयोजन के लिए शतरंज का प्रभार दिया गया है।
प्राचार्य डॉ चौबे ने इस अवसर पर कहा कि शतरंज की उत्पत्ति भारतीय खेल चतुरंग से हुई। छठवीं से सोलहवीं शताब्दी तक चतुरंग काफी लोकप्रिय रहा है। भारत से इसका विस्तार सुदूर यूरोप तक हुआ। आज का शतरंज चतुरंग का ही परिष्कृत रूप है। माना जाता है कि शतरंज खेलने वाले धीर-गंभीर होते हैं और सोच-समझकर ही कोई निर्णय करते हैं। वैश्विक शांति औऱ भाईचारे की यह महत्वपूर्ण कड़ी हो सकती है।
क्रीड़ा अधिकारी डॉ जेपी कन्नौजे के निर्देश पर इस कार्यक्रम का आयोजन शिक्षा संकाय की सहा. प्राध्यापक शकुन्तला जलकारे तथा वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग की सहायक प्राध्यापक स्नेहा चन्द्राकर द्वारा किया गया।
वाणिज्य एवं प्रबंधन विभाग, विज्ञान विभाग, गणित विभाग तथा कम्प्यूटर साइंस विभाग के विद्यार्थी रौशन गुप्ता, इमरान, तनु महतो, रसना पांडे, देवेन्द्र मिरी, चंदन कुमार, लक्ष्मीकांत वर्मा, राशि सिंह ने इसमें प्रतिभागिता की।