भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र में 38 वाँ छत्तीसगढ़ लोककला महोत्सव-2014 सम्पन्न हो गया। भिलाई विद्यालय सेक्टर-2 के प्रांगण में आयोजित इस महोत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित करते हुए संयंत्र के सीईओ एस चन्द्रसेकरन ने कहा कि संयंत्र प्रबंधन आरंभिक दिनों से ही छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण एवं सवंर्धन के प्रति सदैव कृतसंकल्पित रहा है। अंचल के अनेक प्रतिभाशाली एवं प्रतिष्ठित कलाकारों ने देश के अन्य स्थानों के साथ ही विदेशों में भी अपनी कला का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ये लोक कलाकार भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता ईडी एमएम आर के नेहरु ने की।
इस अवसर पर जीएम इंचार्ज सीएसआर श्रीमती रंजना मुले सहित सीएसआर विभाग के अधिकारी व कर्मचारीगण और इस्पात नगरी के निवासियों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
इस अवसर पर संयंत्र कर्मी, लोक गायक एवं हारमोनियम वादक कमल नारायण चन्द्राकर को कला के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट योगदान के लिए संयंत्र कर्मी लोक कलाकार सम्मान से नवाजा गया। इसी श्रृंखला में दाऊ रामचन्द्र देशमुख पुरोधा सम्मान-2014 से लोककला मंच-धरती के श्रृंगार (भोथीपार, राजनांदगांव) तथा देवदास बंजारे सम्मान-2014 से उपकार पंथी लोक नृत्य दल (कुटेश्वर, रायपुर) को नवाजा गया।
समापन समारोह के अवसर पर लोककला दल गुरामी, डौंडी बालोद की संस्था गंधर्व मोहरी वादन दल द्वारा मंगल वाद्य, मोहरी वादन; भरदा बेरला की संस्था श्रीकृष्ण राऊत दल द्वारा राऊत नृत्य, बांसगीत वादन; रायपुर की संस्था ऊँ गरिमा स्वर्णा लोक मंच द्वारा लोक गीत, संगीत व नृत्य, करहीभदर, बालोद की संस्था असकट के दवई लाफ्टर शो द्वारा हास्य प्रहसन एवं इन्दामरा, राजनांदगाँव की संस्था मनमोहना नाच पार्टी द्वारा गम्मत नाचा खड़े साज की सांस्कृतिक प्रस्तुति दी गई।
कार्यक्रम का संचालन सुश्री रजनी रजक ने किया। उप महाप्रबंधक (सीएसआर) आर के गोपाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।