भिलाई। वैशाली नगर के पूर्व विधायक भजन सिंह निरंकारी के पुत्र संदीप निरंकारी अपने पिता की तीन दशकों से भी अधिक की राजनीतिक विरासत संभालने के लिए तैयार हो गये हैं। कुछ हफ्ते पहले ही उन्हें दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस में महामंत्री नियुक्त किया गया। इससे पहले तक वे स्वयं को राजनीति से ऊबा हुआ बताते थे किन्तु अब वे आस्तीन चढ़ाकर मैदान में उतर आए हैं। किसानों के साथ प्रदेश सरकार की दगाबाजी के खिलाफ जेलभरो आंदोलन में उन्होंने बढ़चढ़कर हिस्सा लिया। इसके तत्काल बाद दूसरा मौका मिला बिलासपुर में सरकारी लापरवाही से हुई 13 महिलाओं की मौत के खिलाफ प्रदेश बंद के दौरान। दोनों ही अवसरों पर न केवल वे कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ सड़क पर उतरे बल्कि अपनी उपस्थिति भी दर्ज करा दी। लोगों ने उन्हें हाथों हाथ लिया।
श्री निरंकारी में अपने पिता की लगभग सभी खूबियां हैं। वे गरीबों का दुख दर्द समझते हैं, अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं, धार्मिक गतिविधियों में उनकी गहरी आस्था है। कुछ मामलों में वे अपने पिता से एक कदम आगे हैं। व्यापार में इनोवेशन और टेस्ट में एंटिक उनकी पहचान है। वे नया सोचते हैं। उनके पिता जहां खामोशी से हाईकमान की हर बात कबूल करते थे वहीं संदीप में अपनी बात आगे रखने का माद्दा भी है। उनके पिता ने बतौर साडाध्यक्ष, बतौर अक्षय ऊर्जा निगम के मुखिया, बतौर विधायक अपनी जनहितैषी छवि बनाई। उनके राजनीतिक जीवन के उजले पक्ष ही अधिक हैं। संदीप को अपने पिता से उपलब्धियों भरी यह विरासत मिली है। उनके आगे अवसर बहुत हैं। देखना यह है कि वे कितने दिन तक इसी ऊर्जा के साथ कांग्रेस के कार्यक्रमों को आगे बढ़ाते हैं।