दुर्ग। कलेक्टर श्रीमती आर शंगीता ने धमधा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के निरीक्षण के दौरान अस्पताल परिसर में फैली गदंगी, स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। कलेक्टर ने औषधि भण्डारण कक्ष, औषधि वितरण कक्ष, टीकाकरण कक्ष, मरहम पट्टी कक्ष में गंदगी एवं अस्त-व्यस्त पड़ी दवाओं पर डॉक्टरों को फटकार लगाई। उन्होंने व्यवस्था सुधारने एवं जीवनरक्षक दवाईयों की उचित रख-रखाव के निर्देश दिए। मरीजों के बैठने की जगह से लेकर जंग लगी स्ट्रेचर, शौचालय में फैली गंदगी के लिए भी उन्होंने दिशा निर्देश दिए।
कलेक्टर ने प्रभारी डॉ एसके अग्रवाल तथा स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ रचना अग्रवाल से चर्चा कर जानकारी ली। ब्लाक चिकित्सा अधिकारी डॉ डीपी ठाकुर एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ प्रशांत श्रीवास्तव को कड़े निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीरता बरते। कलेक्टर ने सोनाग्राफी के लिए आई महिलाओं से उनका हालचाल पूछा। उन्होंने बताया कि उन्हें चंदूलाल चन्द्राकर अस्पताल सोनोग्राफी के लिए जाना है। लेकिन अस्पताल में वहां तक जाने की व्यवस्था अभी तक नहीं हो सकी है। इस संबंध में डाक्टर का कहना था कि चूंकि ये महिलाएं हाईरिस्क जोन में नहीं आतीं इसलिए इन्हें सोनोग्राफी के लिए नहीं भेजा गया है। इसपर नाराजगी जताते हुए कलेक्टर ने कहा कि गर्भवती प्रत्येक महिला हाईरिस्क जोन में होती है। उनकी सोनोग्राफी होनी ही चाहिए। कलेक्टर ने गर्भवती महिलाओं को लेकर उपस्थित हुई मितानिनों से भी चर्चा की और उनके कार्य क्षेत्र में आने वाली कठिनाईयों और स्वास्थ्य कर्मियों का मरीजों के प्रति व्यवहार की जानकारी ली।