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नाजुक होता है सोलहवां साल : गौतम

Feb 2, 2015

mj college, arun dev gautam igp, mj collegeभिलाई। आईजी पुलिस मुख्यालय रायपुर अरुण देव गौतम का मानना है कि उम्र का सोलहवा साल बेहद नाजुक होता है। यह वह दौर होता है जब व्यक्ति या संस्था ऊर्जा से परिपूर्ण होती है, उसके सामने विकास का विस्तृत आकाश होता है। यदि इस ऊर्जा को सही दिशा दी गई तो वह उन्नति करता है और यदि गलत दिशा में चली गई तो नष्ट हो जाती है। श्री गौतम यहां एमजे कालेज के 15वें वार्षिकोत्सव समारोह फीलिंग्स-2015 को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। moremj college, arun dev gautam igp, mj collegeउन्होंने बच्चों की प्रशंसा करते हुए कहा कि अब तक हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उन्हें अपनी ऊर्जा एवं तालीम की जो झलक दिखाई है वह प्रभावित करती है। पहली प्रस्तुति में नौ रस थे। दूसरी प्रस्तुति में उत्साह दिखा। उन्होंने कहा कि रसों का संतुलन और समायोजन ही जीवन है। रस ही ईश्वर है। जीवन में जितना हास्य है उतनी ही करुणा भी है। छात्रवृंद को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस उम्र में थोड़ी मस्ती भी होनी चाहिए, थोड़ा गाना-बजाना भी होना चाहिए। पर साथ ही साथ अपने लक्ष्य को भी याद रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज मस्ती में गाड़ी चलाने के कारण कई युवा असमय ही काल का ग्रास बन जाते हैं। कुछ इतने घायल हो जाते हैं कि शेष जिन्दगी के लिए अपने परिवार और समाज की लायब्लिटी बन जाते हैं। देश में प्रतिवर्ष एक लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपने प्राण गंवाते हैं। इससे दुगनी संख्या में वे अपंग होते हैं। यदि हम थोड़ी सी सावधानी बरतें, हेलमेट का उपयोग करें और यातायात नियमों का पालन करें तो इन आंकड़ों को बहुत कम किया जा सकता है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मां जगदम्बिका ग्रुप ऑफ एजुकेशन के संस्थापक अशोक गुप्ता ने अपने सारगर्भित उद्बोधन में कहा कि शिक्षा के साथ साथ हमें चरित्र निर्माण पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही हमें स्किल डेवलपमेन्ट पर भी ध्यान देना होगा। यदि आपने स्किल को अच्छे से विकसित किया तो रोजगार स्वयं चलकर आपके पास आएगा। उन्होंने छात्र वृंद से हमेशा सचाई की राह पर चलने की अपील की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ब्रह्मकुमारी माधुरी बहन ने कहा कि कालेज के बच्चे आज उम्र के उस दौर से गुजर रहे हैं जहां वे अपने जीवन को बना भी सकते हैं और बिगाड़ भी सकते हैं। उन्होंने कहा कि साधन संसाधन ही सबकुछ नहीं होते। चरित्र एवं आत्मबल ही सर्वोपरि होता है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि इस गणतंत्र दिवस पर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मिल रहे थे तो बहुत कम लोगों का ध्यान इस ओर गया होगा कि ये दोनों नेता अत्यंत साधारण परिवार से उठकर यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि आज ब्रह्मकुमारी आंदोलन से जुड़कर 2.5 लाख लोग अपने जीवन को बेहतर बनाकर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।
एमजे कालेज की निदेशक डॉ श्रीमती श्रीलेखा विरुलकर ने महाविद्यालय के प्राध्यापकों, व्याख्याताओं एवं छात्रसमुदाय की प्रशंसा की। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए  समाज में पुलिस की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उनकी एक सहेली के पिता पुलिस में हैं। आम तौर पर छात्र समुदाय पुलिस के खुरदरे स्वभाव की शिकायत करता है। पर एक दिन उस सहेली ने उनकी यह धारणा तोड़ दी। उसने बताया कि जब होली, दिवाली पर तुम्हारे पापा तुम्हारे साथ होते हैं तब मेरे पापा ड्यूटी कर रहे होते हैं। जब रात को तुम्हारे पापा घर पर तुमसे बातें कर रहे होते हैं तब भी मेरे पापा ड्यूटी पर होती हैं। पुलिस की सख्त ड्यूटी और बड़ी जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए ही हमें उनके बारे में कोई धारणा बनानी चाहिए। प्राचार्य डॉ कुबेर गुरुपंच ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि महाविद्यालय के विभिन्न निकायों ने साल भर अनेक कार्यक्रमों का संचालन किया। स्वयं को देश की मुख्यधारा से जोड़ते हुए उन्होंने स्वच्छ भारत, पालीथीन मुक्त समाज का संकल्प लिया और आज वे स्वयं ही पूरे महाविद्यालय को स्वच्छ बनाए रखने का प्रयत्न करते हैं। उन्होंने बताया कि नैक टीम जल्द ही महाविद्यालय का निरीक्षण करने वाली है। हमें उम्मीद है कि जल्द ही हमें शासकीय अनुदान भी मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय अपने सोलहवें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। एक तरफ जहां टीन एज उम्र का वह पड़ाव है जहां सही दिशा में मेहनत करने से व्यक्ति सफलता की ऊंचाइयों को छू सकता है तो दूसरी तरफ गलत रास्ते पर चलकर अपना अनिष्ट भी कर सकता है।
mj college, arun dev gautam igp, mj collegeअन्य अतिथियों में संस्था के निदेशक अभिषेक गुप्ता, भूमिका गुप्ता, डॉ फैजी शामिल थे। एमकॉम की छात्रा एवं छात्रसंघ अध्यक्ष शगुफ्ता सिद्दीकी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रीति यादव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन उप प्राचार्य डॉ नलिनी दीक्षित ने किया।
इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की इंद्रधनुषी प्रस्तुति दी गई। इनमें रॉक बैंड पर वन्दे मातरम, बीएड एवं नर्सिंग की छात्राओं द्वारा नौ रसों पर नृत्य, बीएड स्टूडेंट्स का सत्यमेव जयते ग्रुप डांस, करुण ग्रुप द्वारा फ्यूजन डांस, संहिता कुदेशिया का एकल गायन, सर्वधर्म समभाव पर बीएड स्टूडेंट्स की प्रस्तुति, बीएड स्टूडेंट्स द्वारी ही छत्तीसगढ़ी नृत्य, अनु एंड ग्रुप द्वारा नृत्य इंडिया वाले, आर बॉयज ग्रुप का नृत्य, सुष्मिता ग्रुप का वेस्टर्न फ्यूजन, निक्की का एकल गायन, वंदना का एकल नृत्य, पार्वती का एकल गायन, बीएड छात्राओं द्वारा राजस्थानी नृत्य, रेशमा एंड ग्रुप का फ्यूजन डांस, बीकाम और पीजीडीसीए छात्रों का भांगड़ा सहित अनेक कार्यक्रमों ने देर रात तक समा बांधे रखा।

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