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बंद आंखों से पढ़ दिया विजिटिंग कार्ड

Feb 2, 2015

moin qureshi, mid brain activation programmeभिलाई। चंद दिनों के प्रशिक्षण से बच्चों ने अपने मिड ब्रेन को इतना विकसित कर लिया कि वे बंद आंखों से विजिटिंग कार्ड पढऩे लगे। आंखों पर पट्टी बांध कर वे कागज का रंग बताने लगे। दो-दो अंकों की जोड़ी में 20 अंक याद कर लिए और उन्हें स्ट्रेट और रिवर्स ऑर्डर में दोहरा दिया। यही नहीं बीच में से दिए गए किसी भी अंक के आगे या पीछे के अंक भी बच्चे ने सहजता से बता दिए।
मौका था मिड ब्रेन को विकसित कर याददाश्त बेहतर बनाने का प्रशिक्षण देने वाले जेएम ब्रेन वल्र्ड के विधिवत उद्घाटन का। संस्था ब्रेन वल्र्ड की छत्तीसगढ़ फ्रेंचाइजी है। झलक दिखला जा और नाचे मयूरी फेम सुधा चंद्रन तथा मिमिक्री आर्टिस्ट (अमिताभ फैन) सिकंदर खान कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे। श्रीमती सुधा चंद्रन ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों की स्मृति शक्ति अगर इसी तरह विकसित होती रही तो भारत 2016 तक मोदी के सपनों का भारत हो जाएगा। 2016 के स्कूली परीक्षाओं के परिणाम भी लोगों को चकित कर देंगे। more
jm brain world, julius martinसंस्था के चेयरमैन मोइन कुरैशी  ने ब्रेन वल्र्ड का तीन दिवसीय वर्कशॉप अटेंड करने वाले बच्चों की असाधारण प्रतिभा का मंच पर प्रदर्शन किया। बच्चों की आंखों पर काली पट्टी बांध दी गई और उन्हें अलग अलग रंग के कार्ड दिए गए जिसका रंग उन्होंने केवल स्पर्श और गंध से बता दिया। इसके बाद ऑडियन्स द्वारा दिए गए विजिटिंग कार्ड को उन्होंने पढ़कर सुनाया। यही नहीं एक बच्चे को आडियन्स ने दो-दो अंकों की जोड़ी में 20 अंक दिए। बच्चे ने आंखों पर पट्टी बांधे ही केवल सुनकर इन अंकों को सिलसिलेवार याद कर लिया और फिर उन्हें सीधे एवं उलटे क्रम में दोहरा दिया। जब सुधा चन्द्रन ने बीच का एक अंक देकर उसके बाद का अंक बच्चे से पूछा तो बच्चे ने उसे भी सही सही बता दिया।
मोइन कुरैशी ने बताया कि ब्रेन वल्र्ड द्वारा 4 से 14 साल के बच्चों को मिड ब्रेन विकसित करने की ट्रेनिंग दी जाती है। मिड ब्रेन को इसी उम्र में सर्वाधिक विकसित किया जा सकता है। इस पद्धति का विकास जापानी वैज्ञानिक माकोटो शिचिदा ने किया। इसका इस्तेमाल जापान, कोरिया, चाइना में सफलता पूर्वक किया जा चुका है। इसमें तीन दिन की आवासीय ट्रेनिंग दी जाती है।
jm brain worldजिन बच्चों ने इस ट्रेनिंग कैम्प में हिस्सा लिया था उनके अभिभावकों ने मंच पर आकर अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि इतने कम समय में बच्चों में आए परिवर्तन से वे अभिभूत हैं। जो बच्चे पढऩे के नाम से भागते थे, वे स्वयं पढऩे बैठ रहे हैं। जिस सबक को याद करने में कई दिन लगते थे वह अब आधे एक घंटे में याद होने लगा है। बच्चे पहले की अपेक्षा अधिक शांत हो गए हैं तथा उनकी एकाग्रता बढ़ गई है। अनुभव साझा करने वालों में स्नेहा की माता रोजमेरी घोष, अनुष्का के पिता शंभु सोनी तथा दो अन्य अभिभावक विजय देवांगन एवं प्रमोद पुरी शामिल थे। श्री पुरी ने इस कार्यक्रम को विशेष बच्चों तक ले जाने की अपील संचालकों से की।
जेएम ब्रेन वल्र्ड के फ्रेंचाइजी जुलियस मार्टिन ने कहा कि आंख पर पट्टी बांधकर पढऩा प्रदर्शन के लिए ठीक है किन्तु यही इसके फायदों का अंत नहीं है। आंखों पर पट्टी बांधकर पढऩे की वास्तव में कोई जरूरत नहीं है। यह तो इनकी विकसित क्षमताओं को दर्शाने के लिए किया गया। हम बच्चों की एकाग्रता एवं स्मरणशक्ति को विकसित करने का प्रयास करते हैं। इसका लाभ उन्हें शिक्षण सहित जीवन के अन्य क्षेत्रों में मिलेगा।
इस अवसर पर अमिताभ की आवाज के लिए मशहूर मिमिक्री आर्टिस्ट सिकंदर खान ने लोगों को खूब हंसाया। कार्यक्रम में मोइन कुरैशी  की धर्मपत्नी श्रीमती तौशीन, जेएम ब्रेन वल्र्ड के सहयोगी तथा कुछ अन्य राज्यों के फ्रेंचाइजी भी उपस्थित थे।

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