दुर्ग। राज्य के वनांचलों में सेवा दे रहे विज्ञान शिक्षकों ने मैत्रीबाग में नेचर वॉक कर न केवल जैव विविधताओं का अध्ययन किया बल्कि पेड़ों को एक निश्चित दूरी से देखकर उनकी ऊंचाई का पता लगाने का तरीका भी सीखा। इन शिक्षकों को विज्ञान प्रसार के सौजन्य से छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच द्वारा राज्य स्तरीय प्रकृति अध्ययन गतिविधि शिक्षक प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ विज्ञान व प्रौद्योगिकी परिषद् के पूर्व महानिदेशक व राज्य जैव-विविधता बोर्ड के सदस्य प्रो एम एल नायक ने प्रतिभागियों को छत्तीसगढ़ के जैव-विविधता से अवगत कराया। read moreशिक्षकों से जैव-विविधता के सरंक्षण में योगदान देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा, शालेय स्तर पर ही बच्चों को जैव-विविधता का ज्ञान कराया जाना चाहिए ताकि वे प्रकृति के प्रति जागरूक होकर भविष्य में जैव-विविधता के सरंक्षण में रचनात्मक भूमिका निभा सकें।
विज्ञान प्रसार के वरिष्ठ वैज्ञानिक बी के त्यागी, छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच की स्त्रोत वैज्ञानिक डा भाग्या भार्गव, होशंगावाद से आये प्रशिक्षक बी एल बलैय्या ने प्रकृति अध्ययन के प्रयोगों को समझाते हुए उनकी व्याख्या की।
कार्यशाला के तीसरे दिन प्रतिभागियों को मैत्री बाग में नेचर वाक के लिए ले जाया गया। यहां उन्हें पेड़ों को देख कर उनकी ऊंचाई नापने जैसी कई जानकारियां प्रदान की गईं। छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो डी एन शर्मा के संयोजन में आयोजित इस कार्यशाला में साइंस सेन्टर भोपाल के अरुण भार्गव ने भी मार्गदर्शन प्रदान किया। छत्तीसगढ़ विज्ञान मंच के जयकरण सोनी व डा प्रज्ञा सान्कुले ने सक्रिय योगदान दिया।