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स्थानीय निकायों तक पहुंचे शोध के निष्कर्ष

Feb 20, 2015

cgcostभिलाई। सीजीकॉस्ट, रायपुर के डायरेक्टर जनरल प्रो. एम.एम. हम्बार्डे का सुझाव है कि पर्यावरण तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में होने वाले सेमीनार का निचोड़ तथा इसमें प्रस्तुत किए गए शोधपत्रों का सार शासन तथा स्थानीय निकायों तक पहुंचना चाहिए। इससे इन सेमिनारों की उपयोगिता साबित होगी। प्रो. हम्बार्डे यहां संतोष रूंगटा ग्रुप द्वारा संचालित जीडीआरसीएसटी में सीजीकॉस्ट द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। read morecgcost, rungtaउन्होंने कहा कि आज यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सामाजिक तथा राष्ट्रीय हित में योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो अन्यथा ऐसे सेमीनार्स के माध्यम से प्राप्त निष्कर्षों तथा सुझावों का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि शोधकार्यों को बढ़ावा देने उसे पहले एक छोटे से क्षेत्र में केन्द्रित कर उसकी सफलता की जांच की जानी चाहिये।
विशिष्ट अतिथि छ.ग. एनवायरमेंटल कन्जर्वेशन बोर्ड, भिलाई की चीफ केमिस्ट डॉ. अनिता सावंत ने कहा कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट आज एक गंभीर समस्या के रूप में उभरकर सामने आई है। राज्य में वर्ष 2000 में घरों से निकलने वाले सॉलिड वेस्ट हेतु नियम बना था परंतु यह अत्यंत ही दु:खद विषय है कि 15 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी इस संबंध में कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बन पाई। उन्होंने सेमीनार में उपस्थित प्रतिभागियों को पर्यावरण के क्षेत्र में शोध कार्य हेतु प्रोत्साहित करते हुए कहा कि यह एक अत्यंत व्यापक क्षेत्र है तथा इसमें कैरियर निर्माण तथा शोध कार्यों हेतु अनेक अवसर हैं। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर काबिलियत है इस जज़्बे को जिंदा रखते हुए इसका उपयोग समाज के हित में करें। छोटी शुरूआत भी बड़े परिणाम दे सकती हैं। इन्होने आग्रह किया कि संगोष्ठी के आयोजन से मिलने वाले सार को नगर निगम व विकास प्राधिकरण तक अवश्य पहुंचाया जाना चाहिये जिससे वे इन कार्यो को समझ कर अपनी भूमिका का सही ढंग से निर्वाह कर सकें।
जीडीआरसीएसटी में छत्तीसगढ़ काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नालॉजी (सीजीकॉस्ट) द्वारा प्रायोजित माडर्न पायोनीरिंग ट्रेंड्स ऑफ इंन्वॉयरमेन्टल मैनेजमेंट विथ रिफरेंस ऑफ वेस्ट मैनेजमेंट पर इस दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि डॉ. दीपक कारकुन प्राचार्य, शा.वा.कन्या स्नात्कोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग थे। मौके पर संतोष रूंगटा ग्रुप ऑॅफ इंस्टीट्यूशन्स के डायरेक्टर (टेक्निकल) डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर (एफ.एंडए) सोनल रूंगटा, संगोष्ठी के अध्यक्ष तथा सीओओ साइंस कॉलेजेस संजीव शुक्ला, संगोष्ठी की संयोजक श्रीमती प्रगति शुक्ला, कार्यकारिणी सचिव डॉ. अरूणिमा कारकुन एवं अन्य सहायक प्राध्यापकगण उपस्थित थे।
संगोष्ठी में 57 शोध पत्र पढ़े गए व 27 ई-पोस्टरों की प्रस्तुति हुई। सेमीनार के दौरान प्रकाशित स्मारिका में 118 शोध सारांश का संकलन किया गया है। सर्वश्रेष्ठ व्याख्यान हेतु प्रथम स्थान- वीना ठाकुर, डॉ.एस. के जाधव व डॉ.के एल. तिवारी, द्वितीय स्थान – विक्रांत विश्वकर्मा, जूली ठाकुर व तरंजीत एवं तृतीय स्थान शशांक बनसोडे, आर. नारायणन रेड्डी को प्राप्त हुआ। सर्वश्रेष्ठ ई- पोस्टर हेतु प्रथम स्थान गौतम देवंागन एवं अनीता कुमारी व मनप्रीत कौर को मिला। सात्वंना प्रमाण पत्र श्लोक अवस्थी को दिया गया। दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन कार्यकारिणी सचिव डॉ. अरूणिमा कारकुन के आभार प्रदर्शन से हुआ। संचालन प्राध्यापिका पूजा लुनिया ने किया।

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