ढाका। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश के साथ ऐतिहासिक लैंड बाउंड्री अग्रीमेंट और दो बस सेवाओं की शुरुआत के बाद अब दोनों देशों के बीच सबसे पेचीदा तीस्ता जल बंटवारे का मुद्दा सुलझने की उम्मीद जताई है। दोनों पक्षों ने 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें सामुद्रिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग तथा मानव तस्करी और जाली भारतीय नोट का प्रसार रोकने के लिए समझौते शामिल हैं। मोदी की यात्रा के पहले दिन ऐतिहासिक लैंड बाउंड्री अग्रीमेंट के दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ, जो 41 साल पुराने सीमा विवाद का समाधान करता है और जिसके जरिए एक दूसरे के क्षेत्रों का आदान-प्रदान होगा। समझौते के तहत 111 सीमावर्ती एन्क्लेव बांग्लादेश को मिलेंगे, जबकि बदले में 51 एन्क्लेव भारत का हिस्सा बनेंगे। Read More
शनिवार को बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के साथ साझा बयान में मोदी ने 41 साल से अटके पड़े लैंड बाउंड्री अग्रीमेंट फाइनल होने के बाद तीस्ता का जिक्र छेड़ा। हालांकि मोदी ने इसके लिए गेंद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पाले में फेंकी। मोदी ने साझा बयान में कहा कि लैंड बाउंड्री अग्रीमेंट पर जिस तरह से दोनों देशों के बीच राजनीतिक रूप से भी सहमति बनी है, उसी तरह से उन्हें भारत में राज्य सरकार के समर्थन से तीस्ता और फेनी नदी पर भी समझौता होने की उम्मीद है।
बांग्लादेश तीस्ता नदी के पानी में 50 फीसदी हिस्सेदारी चाहता है। ममता के विरोध के कारण दोनों देशों के बीच यह समझौता अटका पड़ा है। 2011 में ममता ने तीस्ता पर अग्रीमेंट के विरोध में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बांग्लादेश जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया था। लेकिन ममता का रुख अब कुछ नरम है। वह फरवरी में अपने बांग्लादेश दौरे के दौरान बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को तीस्ता जल बंटवारा विवाद सुलझाने का आश्वासन दे चुकी हैं।
साझा बयान में मोदी ने लैंड बाउंड्री अग्रीमेंट का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों देशों ने आजादी के बाद से अटके पड़े बड़े सवाल को सुलझाने में कामयाबी हासिल की है। मोदी ने कहा कि इससे दोनों देशों को फायदा होगा। मोदी ने बस सेवाओं की शुरूआत के अहम अग्रीमेंट पर कहा कि इससे दोनों देशों के लोग एक-दूसरे के नजदीक आ सकेंगे। उन्होंने कहा कि इससे भारत के नॉर्थ ईस्ट का दरवाजा साउथ एशिया के लिए खुल सकेगा। मोदी ने बांग्लादेश को दो अरब डॉलर का लोन देने की घोषणा भी की।
22 समझौतों पर लगी मुहर
मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 22 समझौतों पर हस्ताक्षर किए, जिनमें सामुद्रिक सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग तथा मानव तस्करी और जाली भारतीय नोट का प्रसार रोकने के लिए समझौते शामिल हैं। बांग्लादेश को भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के उग्रवादियों की पनाहगाह माना जाता है। हसीना ने वादा किया कि आतंकवाद को जरा भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों देश बढ़ते व्यापार घाटे को पाटने के लिए दो विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) बनाने पर सहमत हो गए।