दुर्ग । मानव देह जलाना भले ही उनकी आजीविका रही हो किन्तु भीतर से वे भी महामानव निकले। गत दिवस सुरेश चंद्र झा ने अपनी देहदान की वसीयत संस्था प्रनाम को सौंप दी। उन्होंने कहा कि मृतदेह अग्नि को समर्पित करना पुुनीत कार्य है किन्तु अपने शरीर को अध्ययन के लिए उपलब्ध कराना उससे भी ज्यादा पुण्य का काम है। Read More
इस दौरान सुखद संयोग यह भी रहा कि, जिस वक्त शिवनाथ नदीघाट स्थित मुक्तिधाम में उनकी वसीयत तैयार की जा रही थी, तभी उन्हें 1970 में देवकर साजा के अपने प्रायमरी स्कूल टीचर उदय वर्मा से आशीर्वाद लेने का मौका मिला। शनि मंदिर गंजपारा निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक उदय वर्मा को उस दौरान देहदान की वसीयत की औपचारिकता के क्रम में एम्स रायपुर का सम्मान पत्र सौंपा जा रहा था।
इस पुनीत कार्य में एक साथ सहभागी बनने के साक्षी बने पवन केसवानी, वी. नवीन कुमार, के. हेमन्त, योगी रेड्डी, पी. सुरेश, एम.विक्की, योगेश काले तथा देहदानी उदय वर्मा की पत्नी श्रीमती प्रमिला वर्मा, पुत्रगण राजेन्द्र, अजय शंकर, संजय व संतोश वर्मा एवं देहदानी सुरेशचंद्र झा की पत्नी श्रीमती रीता झा और पुत्र नीरज ने अपनी उपस्थिति देकर देहदान करने वाले दोनों महामानवों का उत्साहवर्धन एवं नमन किया।