दुर्ग। कलेक्टर जनदर्शन में छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के पदाधिकारियों ने भी दस्तक देकर छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की आवाज बुलंद की। पदाधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण को 15 वर्ष पूरे हो रहे है। राज्य बनने से हम छत्तीसगढिय़ों को उम्मीद थी की राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, भाषा, तीज त्यौहारों को प्राथमिकता के साथ प्रश्रय एवं सम्मान दिया जायेगा किन्तु दुर्भाग्य से ऐसा अब तक हुआ नहीं है। Read More
हरेली छत्तीसगढियों का पहला त्यौहार है, जिसे धूमधाम के साथ मनाया जाता है, इसी प्रकार तीजा-पोला और गौरा-गौरी के कार्यक्रम भी उल्लास के साथ मनाए जाते है। तीजा और खमच्छट छत्तीसगढ़ी महिलाओं के लिए अति महत्वपूर्ण होते है। हमे अफसोस है कि सरकारी उपेक्षा और उदासीनता के कारण छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहार धीरे-धीरे विलुप्त होते जा रहे है। हरेली, पोरा, तीजा और खमच्छट के दिन राज्य में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जावे। प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च विद्यालय तक के शैक्षणिक संस्थाओं में अन्य विषयों के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा को अनिवार्य विषय के रुप में लागू किया जाये। आवेदन सौंपने के दौरान सेना के संरक्षक राजकुमार गुप्ता एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।