भिलाई। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ मुकेश कुमार वर्मा का मिशन है सीएसवीटीयू को राष्ट्रीय स्तर स्थापित करना। उन्होंने कहा, ‘हम बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर वाले कालेजों के साथ काम करेंगे और संयुक्त प्रयासों से अकादमिक श्रेष्ठता हासिल करने के साथ-साथ इनोवेशन और रिसर्च वर्क के लिए वातावरण बनाएंगे। Read More
डॉ वर्मा पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों में एक तरफ जहां सीएसवीटीयू अपने शैशवावस्था में था वहीं लगातार बढ़ती महाविद्यालयों की संख्या ने चुनौती को बढ़ा दिया था। अब स्थितियां पहले से काफी बेहतर हैं। कुछ महाविद्यालयों ने जहां अपने स्तर में निरंतर सुधार किया है और परिपक्व हुए हैं वहीं विश्वविद्यालय ने भी खुद को साध लिया है। अब यहां परीक्षाएं समय पर हो रही हैं, नतीजे समय पर आ रहे हैं। इस प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा ताकि फाउल प्ले की गुंजाइश न के बराबर रहे। इसके बाद भी किसी ने गड़बड़ी करने की कोशिश की तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
पूर्व दुर्ग संभाग आयुक्त व प्रभारी कुलपति अशोक अग्रवाल से विधिवत चार्ज लेने के बाद उन्होंने कहा कि चुनौतियां बहुत हैं। हमें तीन मोर्चों पर एक साथ काम करना है। आंतरिक व्यवस्था में सुधार, शैक्षणिक स्तर में बेहतरी और शिक्षा की गुणवत्ता हमारी प्राथमिकता होगी।
नवम्बर में मिलेगा भवन
डॉ वर्मा ने कहा कि नवम्बर 2015 में यूनिवर्सिटी अपने भवन में शिफ्ट हो जाएगा। इससे कामकाज में सुविधा होगी। यूनिवर्सिटी को देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों के रूप में स्थापित करने के लिए हम तकनीकी महाविद्यालयों के साथ मिलकर काम करेंगे। हम उन्हें सहयोग प्रदान करेंगे और सहयोग की आशा भी करेंगे। सकारात्मक सोच को लेकर ही हम तरक्की का सफर तय कर पाएंगे।
कर्मचारियों का रखेंगे ख्याल
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अब तक संविदा और दैनिक भोगी कर्मचारी ही चला रहे हैं तथा उसे विपरीत परिस्थितियों में भी इस मुकाम पर लेकर आए हैं। उनके साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। सेटअप में अर्हता के साथ साथ आयु सीमा भी होती है। शैक्षणिक अर्हता के मामले में तो शायद हम उनकी ज्यादा मदद नहीं कर पाएं किन्तु आयु सीमा को शिथिल करने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे।
वोकेशनल में नहीं चलेगी जबरदस्ती
कुलपति ने कहा कि वोकेशनल ट्रेनिंग अपनी पसंद के संस्थान से करना विद्यार्थी का अधिकार है। वह इसमें महाविद्यालय या विश्वविद्यालय का सहयोग ले सकता है किन्तु किसी भी स्थिति में महाविद्यालय द्वारा उसे किसी संस्थान से वोकेशनल ट्रेनिंग लेने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। ऐसी शिकायत मिलने पर उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
इस अवसर पर संभागायुक्त अशोक अग्रवाल, दुर्ग विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एनपी दिक्षित, रजिस्ट्रार गेलुस राम साहू, प्रो. ओपी मिश्रा सहित अन्य प्रोफेसरगण मौजूद थे।
congratulation sirji.very nice.aapke guideline me university develop hoga.