साइंस कालेज दुर्ग में ऊर्जा पर राष्ट्रीय सेमीनार
दुर्ग। छत्तीसगढ़ शासन, क्रेडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शैलेन्द्र शुक्ला ने सोलर एनर्जी को ऊर्जा का महत्वपूर्ण वैकल्पिक स्रोत बताते हुए कहा कि सौर ऊर्जा से संबंधित संयंत्र घरेलू उपयोग के लिए लगाने पर शासन द्वारा 60 प्रतिशत सब्सिडी दिये जाने का प्रावधान है। Read More
श्री शुक्ला शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय में भौतिकी शास्त्र विभाग द्वारा ऊर्जा संरक्षण पदार्थों एवं संधृत विकास तकनीकों पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह युवा पीढ़ी का दायित्व है, कि वे वैकल्पिक ऊर्जा के दोहन द्वारा पर्यावरण संतुलन को कायम रखें।
नागपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एसजे ढोबले ने एलईडी फास्फोरस तथा रेअर अर्थ लुमिनीसेंस पर व्याख्यान दिया। उन्होंने सोलर सेल तथा एलईडी लाईट के प्रयोग को लाभप्रद निरूपित करते हुए इसके ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने अपनी रोचक प्रस्तुति द्वारा विद्यार्थियों को शोध के लिए प्रेरित किया तथा राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोजगार की संभावनाओं की जानकारी दी।
इसी सत्र में डॉ. सोनाली श्रीवास्तव, सत्येन्द्र चड्ढ़ा, आरएस उकरे, मनोजित डे, निलेश देवांगन, नम्रता चैहान एवं आरती चौधरी द्वारा अपने शोध की मौखिक प्रस्तुति दी गयी। सत्र का संचालन डॉ. नमिता ब्रम्हे एवं डॉ. डी.पी. बिसेन द्वारा किया गया।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. एमएम हम्बर्डे, निदेशक, सीजीकॉस्ट थे। प्रो. हम्बर्डे ने बताया कि वर्तमान में विकास का विकल्प ऊर्जा के सुविवेकपूर्ण उपयोग पर निर्धारित है। वर्तमान में परिष्कृत उत्पादों द्वारा सक्रिय विधि से ऊर्जा का उपयोग हो रहा है, जिसमें ऊर्जा उत्पादन में खर्च होने वाली ऊर्जा को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि भविष्य में कम ऊर्जा की आवश्यकता वाले पदार्थों की खोज की जानी चाहिए।
समापन सत्र के पूर्व कार्यक्रम की आयोजन सचिव डॉ. अंजली अवधिया ने सेमीनार की कार्यवाही रिपोर्ट प्रस्तुत की। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एससी तिवारी ने सेमीनार की प्रासंगिकता को रेखांकित किया। विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ. पूर्णा बोस ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।