भिलाई (संडे कैम्पस)। पक्षी एक पंख से उड़ान नहीं भर सकता। जब तक महिलाओं की हालत में सुधार नहीं होगा, विश्व का कल्याण भी नहीं हो सकता। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर स्वामी विवेकानंद के इस कथन को आत्मसात करते हुए श्री शंकराचार्य महाविद्यालय ने अपने गोद ग्राम खपरी की महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण दिया। भिलाई महिला महाविद्यालय में गृहविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ. संध्या मदन मोहन ने मुख्य अतिथि की आसंदी से महिलाओं का आह्वान किया कि वे आत्मनिर्भर बनें किन्तु अपनी जिम्मेदारियों और उत्तरदायित्वों से विमुख न हों। उन्होंने कहा कि महिलां घर की धुरी होती है जिसके इर्द गिर्द पूरा परिवार संचालित होता है। महिलाओं को अपने बच्चों एवं परिवार को समान महत्व देते हुए आर्थिक उन्नति के पथ पर आगे बढऩा चाहिए। Read More
महाविद्यालय के अतिरिक्त निदेशक डॉ. जे दुर्गा प्रसाद राव ने महिलाओं को आर्थिक एवं सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने नारी से अपनी गरिमा बनाये रखने का आहवान् किया।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. रक्षा सिंह ने महिला दिवस की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि महाविद्यालय द्वारा ग्रामीण महिलाओं के उत्थान के लिए आवश्यक प्रयास किये जाते रहेंगे। इसी तारतम्य में ग्रामीण महिलाओं एवं बच्चों को तारामण्डल दिखाया गया था। महाविद्यालय खपरी गांव की समाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक उन्नति हेतु वचनबद्व है।
दो दिवसीय मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण वानिकी विभाग के दिनेश सिंह द्वारा दिया जा रहा है। कम लागत में अधिक मशरूम की पैदावार लेने के तरीके बताते हुए उन्होंने मशरूम के औषधिय गुणों से भी ग्रामीणों को अवगत कराया।
9 मार्च को खपरी में अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसमें श्रीमती विभा झा एव श्रीमती ज्योति गौतम अतिथि वक्ता थीं। उन्होंने मशरूम उत्पादन को व्यवसाय के रूप में जीविकोपार्जन का साधन बनाये जाने पर बल दिया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ी व्यंजन स्पर्धा का आयोजन किया गया जिसमें महिलाओं ने खुरमी, ठेठरी, और अइरसा जैसे पारंपरिक व्यजंन परोसकर खूब वाहवाही बटोरी। इसका पुरस्कार डॉ. संध्या मोहन द्वारा प्रायोजित है। कार्यक्रम संयोजक डॉ. जयश्री वाकणकर ने हस्तशिल्प प्रदर्शनी लगाए जाने की भी सूचना दी।
इस अवसर पर डॉ. नीरा पाण्डेय, डॉ. रचना चौधरी, डॉ. सोनिया बजाज एवं महाविद्यालय प्राध्यापकगण तथा बड़ी संख्या में महिलायें उपस्थित थी।