दुर्ग। संविधान सभा के प्रारूप समिति के अध्यक्ष, सुप्रसिद्ध विधिवेत्ता और समता मूलक समाज के प्रणेता भारत रत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की 125 वीं जयंती के अवसर पर आज दुर्ग जिले के गौरव ग्राम बासीन में जिला स्तरीय सामाजिक समरसता कार्यक्रम के माध्यम से ग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रमÓ का शुभारंभ किया गया। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय ने इस अवसर पर डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर माल्यार्पण कर दीप प्रज्जवलित किया और 14 अप्रैल से 24 अप्रैल तक चलने वाले इस अभियान की शुरूवात की। Read Moreकार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री पाण्डेय ने कहा कि ज्ञान के आधार पर ही हमारा देश विश्व गुरू कहलाया है। डॉ. अम्बेडकर ने न केवल ज्ञान की शक्ति को पहचाना बल्कि इसे प्रमाणित भी किया। उन्होंने कहा कि एक निरक्षर का साक्षर बनना तथा उसके बाद शिक्षित, प्रशिक्षित और दीक्षित होना जीवन में एक व्यापक परिवर्तन लाता है। इसके माध्यम से अस्पृश्यता तथा छूआछूत को हटाने और सामाजिक समरसता लाने में मदद मिली हैे। डॉ. अम्बेडकर ने भारत के महान संविधान के माध्यम से समाज के हर वर्ग और व्यक्ति को बराबरी का अधिकार दिया। भारतीय संविधान हम सबके और देश के लिए सर्वोपरि है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल भौगोलिक सीमाओं से ही कोई देश नहीं बनता। कोई भी देश वहां रहने वाले लोगों की मन की एकता से बनता है और हमारा देश भी समूची एकता और समरसता के आधार पर आगे बढ़ता रहेगा।
उल्लेखनीय है कि पूरे छत्तीसगढ़ सहित दुर्ग जिले में Óग्राम उदय से भारत उदय कार्यक्रमÓ अभियान के अंतर्गत 14 से 16 अप्रैल तक सामाजिक समरसता कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इसके तहत सभी ग्राम पंचायत में डॉ. अम्बेडकर की मूर्ति/छाया चित्र में माल्यार्पण करके उनके जीवनवृत्त का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में उच्च शिक्षा मंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी ग्रामीण जनों, पंचायत प्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा स्कूली छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय समरसता दिवस की शपथ दिलाई। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मंत्री श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि हम सब मनुष्य है और हमारी संस्कृति और सभ्यता में बताया गया है हम सभी एक परमात्मा के अंश है। इसमें छोटे-बड़े का कोई भेदभाव नहीं होता। एक दूसरे को दु:ख-दर्द को समझना और प्यार-सम्मान के साथ रहना यहीं समरसता है। उन्होंने कहा कि हमारा देश एक विशाल और विविधता वाला देश है। जहां अलग-अलग प्रकार की मिट्टी, जलवायु, फसल, व्यक्ति, जाति, भाषा, उपासना, संस्कृति, प्रथाए, परम्पराएं, अचार-व्यवहार और देवी-देवता है। डॉ. अम्बेडकर ने एक संविधान के माध्यम से पूरे देश को एकजुट कर संगठित किया। उन्होंने कहा कि जहां वर्ष 1977 में देश के प्रधानमंत्री श्री मुरार जी देसाई के नेतृत्व में गांव को सरकार से जोडऩे की महत्वपूर्ण कोशिश हुई वहीं वर्ष 1996 में प्रधानमंत्री श्री अटल वाजपेयी के नेतृत्व में ग्रामीण सड़क योजना के माध्यम से देश में ेगांव-गांव को जोडऩे की पहल की गई। इसी तरह इस अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में ग्रामोदय से भारत उदय की पहल प्रारंभ की गई है। उन्होंने कहा कि गांव देश का आधार है और जब तक गांवों का विकास नहीं होगा तथा वे सशक्त नहीं बनेंगे तब तक देश का विकास अधूरा रहेगा। उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार ग्राम पंचायतों को मजबूत बनाने के लिए सीधे पैसे दे रही है। ग्राम सभाओं में बड़े-छोटे सभी की उपस्थिति होनी चाहिए और कमजोर के आवाज को पूरा बल मिलना चाहिए, ऐसी मंशा हमारे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कलेक्टर श्रीमती आर. शंगीता ने कहा कि डॉ. अम्बेडकर के मार्गदर्शन में भारतीय संविधान का एक-एक अक्षर सोच समझ कर लिखा गया है और फ्रेमवर्क बनाया गया है। यही कारण है कि काफी कम संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सूखे के कारण दुर्ग जिला पेयजल जैसी समस्या से जूझ रहा है। भारतीय सभ्यता में और राजा-महाराजाओं के महलों व किलों में वाटर रिचार्जिंग की समृद्ध परम्परा रही, जिससे वे प्रकृति प्रदत्त अमृतरूपी जल का उपयोग वर्ष भर तथा भीष्म गर्मी में भी करने में सक्षम थे। उन्होंने कहा कि पानी हमारी मूलभूत आवश्यकता है और शासन सहित कोई भी पानी का उत्पादन नहीं कर सकता, इसे देखते हुए अब फिर से यह सख्त जरूरत और हम सभी की सामाजिक जिम्मेदारी है कि हम पानी को बचाए, उसका सदुपयोग करें तथा वाटर रिचार्जिंग करें। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी पर्यटक जब देश भ्रमण में आते हैं तो यहां के नागरिकों के लिए शौचालयों की व्यवस्था नहीं होने तथा गंदगी दिखने पर वे क्षोभ व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि सभी घरों में शौचालयों की व्यवस्था नहीं होने पर घर की देवी जैसी नारियों के सम्मान और गौरव की हानि होती है। उन्होंने कहा कि दुर्ग जिले में 6 गांव Óखुले में शौच मुक्तÓ बन गए है, लेकिन दुर्ग जिला जिसकी ख्याति केवल देश में नहीं बल्कि विदेशों तक हैं, यहां के अधिक से अधिक और पूरे गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाए जाने के जरूरत है। उन्होंने इसके लिए सभी ग्रामीणजनों को अपने-अपने गांवों को खुले में शौच मुक्त बनाने का संकल्प लेने को कहा। कार्यक्रम में खुले में शौच मुक्त गांव बनाने हेतु कार्य करने वाली पे्ररक महिलाओं को भी सम्मानित किया गया। सरपंच ने घोषणा की कि वे 15 मई तक गंव को खुले में शौच मुक्त बनवायेंगे।
कार्यक्रम में जिला पंचायत की सदस्य नूतन बंछोर सहित पंचायत प्रतिनिधि गण, सरपंच श्री ओमप्रकाश, पुलिस अधीक्षक श्री मयंक श्रीवास्तव, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती शतोविषा समाजदार, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी श्री सुनील जैन भी उपस्थित थे। इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी गई।