भिलाई। छत्तीसगढ़ की ऊर्जा सलाहकार प्रतिष्ठान एमसीजे एनर्जी को ऊर्जा प्रबंधन के क्षेत्र में सीम (सोसायटी ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स एवं मैनेजर्स) द्वारा राष्ट्रीय ऊर्जा प्रबंधन 2015 के लिए उत्कृष्ट कार्य हेतु नई दिल्ली के इंजीनियर्स भवन में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। Read More
समारोह में केके चक्रवर्ती ब्यूरो आफ एनर्जी एफिशियंसी विद्युत मंत्रालय के ऊर्जा विशेषज्ञ एस गरनायक, एनर्जी हेड, आईसीएफ श्रीकांत पाणीग्रही डाइरेक्टर जनरल, कार्बन माइनस इंडिया, मेम्बर पीएमओ ऑफिस, श्री मानस कुंडू, डाइरेक्टर इंटरनेशनल कापर एसोसिएशन ऑफ इंडिया एवं श्री धीरज रस्तोगी, प्रेसीडेंट इसरो उपस्थित थे।
ज्ञातव्य हो कि क्योटो प्रोटोकॉल के अंतर्गत विश्व के हर देश को कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का लक्ष्य दिया गया है। हाल ही में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पेरिस जलवायु सम्मेलन 2015 में विश्व को यह संदेश दिया गया था कि भारत 2030 तक अपनी कार्बन उत्सर्जन क्षमता में 35 फीसदी तक कमी लाएगा। कार्बन उत्सर्जनता को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिनमें कि इनहेंस्ड एनर्जी एफिशियेंसी मिशन प्रमुख है। इस परियोजना के अंतर्गत सरकार ने ऊर्जा संरक्षण हेतु विद्युत मंत्रालय के अंतर्गत पैट स्कीम को 2012 से इंडस्ट्रियल सेक्टर में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम के तहत लागू किया गया है। इस स्कीम में थर्मल पावर, सीमेंट, स्टील, एल्युमिनियम, फर्टिलाइजर, टेक्सटाइल, पेपर मिल एवं क्लोर एल्कली संयंत्रों को उनकी ऊर्जा खपत मानकों का निर्धारण कर 3 वर्ष में एक निश्चित परिमाण में कमी करने का टार्गेट किया गया है। 2012 से 2015 तक जो संयंत्र अपने टार्गेट से ज्यादा कमी कर सके उन्हें ऊर्जा संरक्षण सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा और जो संयंत्र टार्गेट पूरा करने में असमर्थ रहेंगे उन्हें ये सर्टिफिकेट खरीदने होंगे या पेनाल्टी देनी होगी। सर्टिफिकेट एक टन आइल इक्वीवेलंट ऊर्जा बचाने पर किया जावेगा और इसका प्रारंभिक मूल्य 10918 तय किया गया है।
इस स्कीम की सफलता का आंकलन का प्रमाण यह है कि 6.686 मिलियन टन आयल इक्वीवेलेंट के निर्धारित लक्ष्य के बदले 8.82 मिलियन टन आइल इक्वीवेलेंट ऊर्जा की बचत हो सके और इसके फलस्वरूप 25.40 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन की कमी के टार्गेट की जगह 33.52 मिलियन टन कार्बन उत्सर्जन की कमी का लक्ष्य पूरा किया जा सका। पैट प्रथम चक्र की सफलता से उत्साहित हो पैट द्वितीय चक्र में 5.6 मि.टन आइल इक्वीवेलेंट का लक्ष्य रखा गया है और इस स्कीम में 3 नए सेक्टर को शामिल किया गया है। ये हैं रेलवे, पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी और पेट्रोलियम रिफाइनरी।