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सिर्फ डिग्रियां बांटने से नहीं चलेगा काम : डॉ बिसेन

Sep 12, 2016

shankaracharya-seminarश्री शंकराचार्य महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन
भिलाई। जिवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर के पूव कुलपति डॉ प्रकाश सिंह बिसेन ने कहा है कि देश की उच्च शिक्षण संस्थाएं केवल डिग्रियां बांटने में ही रुचि ले रही हैं। इससे काम नहीं चलने वाला। हमें अकादमिक पूंजी जुटानी होगी। आज के विश्व को वही जीत सकेगा जिसके पास अकादमिक पूंजी होगी। वित्त की व्यवस्था तो हो ही जाएगी।
डॉ बिसेन श्री शंकराचार्य महाविद्यालय जुनवानी, भिलाई के कम्प्यूटर, गणित एवं माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के तत्वाधान् में छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद, रायपुर (सीजी-कॉस्ट) द्वारा प्रायोजित गणित एवं कम्प्यूटर तकनीकि की नवीन धारा तथा मेडिकल माइक्रोबायोलाजी की नवीनतम तकनीक पर महाविद्यालय के सभागार में दो दिवसीय (8 एवं 9 सिंतबर 2016) राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं सम्मेलन के समापन सत्र को अध्यक्ष की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों की नियामक संस्थाएं भी अपना काम ठीक से नहीं कर रही हैं और आने वाली चुनौतियों की अनदेखी कर रही हैं।
डॉ. पी.एस. बिसेन ने कहा कि आज पूरे विश्व में शैक्षणिक पूंजी जुटाने की आवश्यकता है। आज शिक्षको की संख्या यूजीसी एवं एआईसीटीई के पैरामीटर के अनुसार बहुत कम है, शिक्षा की डिग्रीयां बांटने वाली संस्थाओं की संख्या बहुत अधिक है। शैक्षणिक संस्थाओं के मूल्यांकन के लिये राष्ट्रीय स्तर पर ऐजेन्सियां भी बना दी गयी है। जिसके कारण संस्थाये लकवा ग्रस्त होती जा रही है। वास्तव में उन्नति करना है तो वास्तव में कर्म करना होगा, खानापूर्ति नहीं। आज के दौर में तकनीकी का उपयोग अत्यंत आवश्यक है। ऑन लाइन टीचिंग और परिक्षाये होनी चाहिये। छात्रों को सही मार्ग दर्शन देकर उनसे जनकल्याण के कार्य करवाये जा सकते है तथा शिक्षा के क्षेत्र में विकास की गति को तीव्र किया जा सकता है।
डॉ. बी. के. राय, डायरेक्टर छत्तीसगढ़ विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी परिषद, रायपुर (सी-कॉस्ट), समापन सत्र के मुख्य अतिथि थे। डॉ. राय ने कहा कि दो दिवसों में विषय से संबंधित काफी जानकारी प्राप्त हुई होगी। टेक्नालॉजी ट्रांसफर डिविजन के बारे में बताते हुए कहा कि विज्ञान और संचार में महाविद्यालय स्तर पर कार्यक्रम होता है जिसमें विद्यार्थी अपना शोधपत्र प्रस्तुत कर सकते है। उन्होंने समाज कल्याण के लिए स्थानीय समस्याओं से संबंधित समाधान की खोज हेतु सामने आने का आग्रह किया।
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह, अति. निदेशक डॉ. जे.दुर्गा प्रसाद रॉव, कम्प्यूटर विभाग के अध्यक्ष ठाकुर देवराज सिंह, गणित विभाग की अध्यक्ष श्रीमती प्रीती श्रीवास्तव एवं माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. रचना चौधरी ने मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का सम्मान पौधे से किया। महाविद्यालय की छात्राओं ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। अंग्रेजी विभाग के विद्यार्थियों द्वारा बुराई के अंत पर आधारित शेक्सपीयर के प्रसिद्ध नाटक मेकबैंथ का मंचन किया गया।
अति. निदेशक डॉ. जे.दुर्गा प्रसाद रॉव ने संयोजको को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका कार्यक्रम बेहद सफल रहा और संस्था में इतनी बढ़ी संख्या में विद्वान और शिक्षाविद् एकत्रित हुए। नि:संदेह इससे हम सब लाभान्वित हुए।
प्राचार्या डॉ. रक्षा सिंह ने स्वागतीय वक्तव्य में कहा कि इस सम्मेलन में चार राज्यों से प्रतिभागी संम्मलित हुए, कुल सात रिर्सोस पर्सन आये तथा 208 प्रतिभागियों ने भाग लिया। ये आकड़े इस कार्यक्रम के सफलता के द्योतक है। उन्होंने डॉ. बी.के. राय और डॉ. पी.एस. बिसेन को अपना बहुमूल्य समय महाविद्यालय को देने के हृदय से धन्यवाद दिया।
अतिथियों ने आई.सी.टी.ए.सी.टी. द्वारा आयोजित बैंकिग फाइनेंसीयल सर्विस एंड इन्शोरेंस सेक्टर के प्रशिणार्थियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किया। संगोष्ठी एवं सम्मेलन में शोध पत्र प्रस्तुत करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। प्राचार्या और अति. निदेशक ने अतिथि द्वय को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आई.सी.टी.ए.सी.टी. के मुख्य प्रशिक्षक श्री रवि मल्लिक को भी स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
सेमीनार में भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नालॉजी के एसो. प्रो. डॉ. संजीव करमाकर ने आर्टिफिशयल इंटेलिजेन्सी एण्ड न्यूरल नेटवर्क विषय पर की-नोट प्रस्तुत किया। डॉ. अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा से आमंत्रित डॉ. संजीव कुमार ने फजी लॉजिक और आई.टी.एस. एप्लीकेशन, एस.आर.टी.एम. विश्वविद्यालय नागपुर के डॉ. जी.एस. खेडकर ने द यूनिवर्स वॉट इज मैन विषय पर ज्ञानवर्धक व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के प्रो. एम.एल. नायक, होलीक्रास महिला महाविद्यालय, अंबिकापुर के डॉ. अशोक शुक्ला, रूगंटा कालेज ऑफ फार्मेसी भिलाई के डॉ. अमित अलेक्जेन्डर एवं नेशनल इंस्टीटूट ऑफ बायोटिक स्ट्रैस मेंनेजमेंट बरोन्डा, रायपुर के दीपक नायडू ने अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर अमरावती से प्रो. जी.बी. मालवीय, नागपुर से ऐना गुप्ता, रूपाली सी. टाम्बले, सतिश जी तिवारी, निर्मला रामटेके, महाविद्यालय के प्राध्यापक गण, स्थानीय महाविद्यालयों के प्राध्यापकगण, मीडियाकर्मी एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे। समापन समारोह का संचालन श्रीमती सुषमा दुबे एवं श्रीमती रश्मि देवांगन ने किया एवं श्रीमती प्रीति श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम राष्ट्रीय गान के साथ संपन्न हुआ।

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