रायपुर। आईआईटी रुड़की से इलेक्ट्रानिक्स एंड कम्यूनिकेशन में बीई करने वाले भरत भास्कर का बचपन खेतों में पिता का हाथ बंटाते हुए गुजरा है। अब वे रायपुर आईआईएम की कमान संभालेंगे। उन्होंने बताया कि मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी से जोड़कर डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का हिस्सा बनाने के साथ ही उन्हें स्टार्टअप्स के लिए प्रेरित किया जाएगा। योजना को मूर्त रूप देने वो अपना इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के साथ ही देश व दुनिया के विशेषज्ञों की सेवाएं भी हासिल करने का प्रयास करेंगे।भरत भास्कर की खेतों से आईआईएम की यात्रा 40 साल पहले शुरू हुई। भरत रोजाना साइकिल से 10 किमी का सफर तय कर कानपुर के जीटी रोड स्थित रुमा गांव के स्कूल पहुंचते थे। घर लौटने तक शाम ढल जाती। घर आने के कुछ देर बाद वो होमवर्क पूरा करने में जुट जाता। सुबह चार बजे किसान पिता श्रीरामेश्वर वाजपेयी उसे फिर से पढ़ाई करने जगा देते। बिजली नहीं होने से ये छात्र अक्सर दीये की रोशनी में ही पढ़ाई करता। जिस दिन छुट्टी होती, अपने पिता के साथ खेतों में हाथ बंटाने चला जाता। भारत ने हायर सेकेंडरी अच्छे माक्र्स से पास कर लिया। एंट्रेंस एग्जाम पास कर आईआईटी रुड़की में एडमिशन भी मिल गया।
भरत ई-कामर्स फील्ड के मास्टर हैं। भरत को टीचिंग फील्ड में इंटरनेट एप्लीकेशन इन बिजनेस और ई-कॉमर्स जैसे विषयों में कई सालों का एक्सपीरियंस है। एक्सपट्र्स के अनुसार आने वाला समय एप्स और डिजिटल बेस्ड होगा। ऐसे में भरत भास्कर के लंबे अनुभव का फायदा मैनेजमेंट स्टूडेंट्स को जरूर मिलेगा। भरत ने 1994 में इंटरनेट टेक्नालॉजी पर रिसर्च किया था, जिसके लिए नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने उन्हें सम्मानित भी किया था।