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SSTC में INVENT का कार्यक्रम

Feb 3, 2017

एसएसटीसी-बिजनेस इनक्यूबेटर के प्रयासों की सराहना

SSTC-Business-Incubatorभिलाई। अभिनव वेंचर्स और विकास प्रौद्योगिकी (आईएनवीईएनटी) प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी), भारत सरकार और अंतर्राष्ट्रीय विकास विभाग (डीएफआईडी) एवं ब्रिटेन सरकार के संयुक्त सहयोग से स्थापित संस्था है। इसका मुख्य उद्देश्य आविष्कार प्रौद्योगिकी आधारित स्टार्टअप शुरुआत करते हुए ऊष्मायन समर्थन प्रदान करके एक सकारात्मक सामाजिक ढाँचा बनाना जिससे अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करना है।प्रो समीर खांडेकर, समन्वयक, एसआईआईसी एवं प्रोफेसर, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, विभाग, आईआईटी कानपुर राज्य में आविष्कार द्वारा पदोन्नत गतिविधियों को आरंभ करने के लिए श्री शंकराचार्य तकनीकी कैम्पस (एसएसटीसी) भिलाई का दौरा किया। साथ ही साथ व्याख्यान देकर आविष्कार के नये आयामों से अवगत कराया।
प्रोफेसर खांडेकर ने अपने व्याख्यान के दौरान सामाजिक विकास में योगदान करने में स्टार्ट-अप का समर्थन करने के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान करने में एसएसटीसी-बिजनेस इनक्यूबेटर के प्रयासों की सराहना की। सामाजिक उद्यमियों को संबोधित करते हुए प्रो खांडेकर ने कहा कि यहां तक कि भारत का सबसे बड़ा उद्यम भारतीय रेल भिलाई की तरह एक छोटे से शहर का केवल एक तिहाई आबादी रोजगार के लिए सक्षम है; इसलिए महान समाज में उद्यमशीलता की संस्कृति को बढ़ावा देने की जरूरत है।
शैक्षिक संस्थानों में एक बड़ी भूमिका इस नेक काम के लिए अपना योगदान देना चाहिये और इन संस्थानों के हर संकाय के शैक्षणिक सदस्यों को इस मुहीम की नैतिक जिम्मेदारी के रूप में लेते हुए भरसक प्रयास करना चाहिये।
साथ में हमारा बहुतायत युवा छात्र -छात्रों के बीच उद्यमी भावना बढ़ावा देने के लिए माता-पिता, शिक्षकों और समाज के अन्य जिम्मेदार सदस्यों की मानसिकता में परिवर्तन हो गया है। जिसके कारण ऐसे पूंजीपति, जो हमारे समाज के सतत विकास के लिए नेतृत्व नहीं कर सकते हैं उनके लिये भी एक प्रेणना का काम उद्यमिता के माध्यम से क्रियान्वित किया जगह है।
ऊष्मायन प्रोग्राम एक माध्यम हैं जो की उच्च शिक्षण संस्थानों में भी जहाँ पर उद्यमिता के पर्याप्त संभावनाये हैं उन्हें भी को उद्योगों के साथ मिलकर काम करने के लिए पर्याप्त सुविधा उपलब्ध करना हैं, जो अब उनके सीएसआर गतिविधियों का एक भाग के रूप में माना जाता है जो ऐसे कार्यों को बढ़ावा देने के लिये आसानी से उपलब्ध हैं। भारत सरकार सभी स्तरों पर इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है।
अपने संबोधन में प्रो खांडेकर ने कहा कि एसआईआईसी, आईआईटी कानपुर, एसएसटीसी, भिलाई के सहयोग से छत्तीसगढ़ में सामाजिक उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए कई जागरूकता कार्यक्रम, व्यापार प्रतियोगिताओं, सेमिनारों और कार्यशालाओं का आयोजन करेगी जिससे अधिक से अधिक समाज और उसके आस-पास व्याप्त समस्यों का निराकरण किया जा सके।
अभिनव वेंचर्स और विकास प्रौद्योगिकी (आईएनवीईएनटी) ऐसे आविष्कार जिनके माध्यम से सामाजिक परिवर्तन कार्यक्रम को सकारात्मक प्रभावी ढंग से शुरू करने के लिए रुपये 50 लाख तक का वित्त पोषण प्रदान करता है। सभी स्टार्टअप्स का मुख्य उद्देश्य कम एवं मध्य स्तर आय वाले परिवारों की मासिक आय में बढ़ोत्तरी करना हैं साथ ही साथ इस श्रेणी के लोगों को कम लागत में मौजूदा सेवाओं एवं उत्पादों को उपलब्ध कराना हैं।
संस्था प्रमुख आई पी मिश्रा (अध्यक्ष), श्रीमती जया मिश्रा (उपाध्यक्ष), श्री गंगाजली एजुकेशन सोसाइटी, भिलाई, एवं डॉ पी बी देशमुख निदेशक एसएसटीसी, भिलाई, ने आईआईटी कानपुर द्वारा एसआईआईसी.द्वारा उठाए गए इस अमिट मुहीम का तहे दिल से स्वागत किया है। पूरा कार्यक्रम के कार्यक्रम समन्वयक डॉ आर.एन.पटेल के मार्गदर्शन में हुआ।

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