पुडुचेरी के कलिथीरथुकुप्पम गांव में सरकारी प्राथमिक विद्यालय के दो स्कूली लड़कियां जो कमाल कर रही है उसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। इन स्कूली छात्राओं ने ड्रेनेज वॉटर से बिजली पैदा करने का तरीका निकाल लिया है और उन्होंने इसके लिए एक माइक्रो पॉवर जनरेटर तैयार किया है। कक्षा पांचवीं की टी. मित्रा और के. शरणी प्रिया को टीचर्स ने बताया कि तेज बहते पानी से बिजली पैदा की जा सकती है। तब उन्होंने सोचा कि केवल तेज बहता पानी ही क्यों, तेज नाली क्यों नहीं? इन लड़कियों के यह आइडिया तब आया जब वे पुडुचेरी साइंस सेंटर और प्लेनेटेरियम में स्कूल टीचर्स व अन्य छात्रों के साथ विजिट पर गईं थी। उन्होंने वहां गौर किया कि कुरून्जी नगर मॉडर्न पार्क के पास तेजी से नाले का पानी बह रहा था। वे काम पर लग गई। उन्होंने नाली के डायमेंशन को नापा और पानी में कागज फेंककर उसके बहाव को रिकॉर्ड किया। नाली 23 सेमी चौड़ी और 9 सेमी गहरी थी. पानी की औसत गति 30 किमी प्रति घंटा थी। लड़कियों ने 3 इंच त्रिज्या टरबाइन बनाई और रोटेशन स्पीड बढ़ाने के लिए हर ब्लेड को 45 डिग्री मोड़ दिया। इन लड़कियों ने टरबाइन को आधा डुबाने के लिए एडजेस्टेबल स्टैंड भी तैयार किया। इसे इंस्टॉल कर दिया गया। सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक पैदा बिजली औसत 8 से 9 वोल्ट की है। इस बिजली से सेल फोन चार्ज कर सकती है, एलईडी लाइट जला सकती है और यहां तक कि रेडियो भी प्ले कर सकती है। उनकी टीचर प्रियदर्शीनी ने भी कहा कि इस पैदा हुई बिजली को बैटरी में सेव भी किया जा सकता है।