भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र ने राज्य के विकास में निरंतर सकारात्मक भूमिका निभाई है। छत्तीसगढ़ राज्य की शिक्षाधानी के रूप में आज भिलाई की एक अलग पहचान बन चुकी है। जिसमें संयंत्र प्रबंधन ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बीएसपी ने तकनीकी शिक्षा के उन्नयन हेतु भिलाई में IIT-B खोलने हेतु 130.230 हेक्टेयर जमीन प्रदान की। बीएसपी के इस महती प्रयास के चलते भिलाई में आईआईटी खोलने का सपना साकार हो सका। इसी क्रम में राज्य शासन द्वारा, छत्तीसगढ़ शासन, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग व भिलाई इस्पात संयंत्र के मध्य निष्पादित एमओयू शर्तों के तहत, भिलाई इस्पात संयंत्र के स्वामित्व की ग्राम कुटेलाभाठा की 117.92 हेक्टेयर व ग्राम खपरी की 12.31 हेक्टेयर कुल रकबा 130.230 हेक्टेयर समतुल्य भूमि के बदले जिला नारायणपुर, कांकेर, बालोद व दुर्ग में चिन्हांकित कुल रकबा 130.230 हेक्टेयर में से क्रमश: जिला नारायणपुर के ग्राम कनेरा में 40.00 हेक्टेयर, जिला कांकेर के ग्राम कलगाँव में 17.750 हेक्टेयर तथा ग्राम फरसकोट में 10.00 हेक्टेयर (कुल 27.750 हेक्टेयर) भूमि आबंटित की। इसी प्रकार जिला बालोद के ग्राम जमरूवा में 4.510 हेक्टेयर तथा ग्राम झरनदल्ली में 6.082 हेक्टेयर (कुल 10.592 हेक्टेयर) भूमि प्रदान की। इसके साथ ही जिला दुर्ग के ग्राम सांकरा में 20.236 हेक्टेयर, ग्राम मोतीपुर में 6.300 हेक्टेयर, ग्राम पहंदा में 13.191 हेक्टेयर (कुल 39.727 हेक्टेयर) के भूमि का आबंटन किया। इस प्रकार शासन द्वारा कुल एकत्र रकबा 118.069 हेक्टेयर शासकीय भूमि को छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 के तहत नियमानुसार नोईयत परिवर्तन उपरांत आवेदक संस्था भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई को नि:शुल्क आबंटित किया गया है।
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के नाम से तथा आदेशानुसार जारी आदेश में बीएसपी भिलाई के स्वामित्व की ग्राम कुटेलाभाठा व खपरी जिला, दुर्ग स्थित कुल रकबा 130.230 हेक्टेयर भूमि को आईआईटी, भिलाई की स्थापना हेतु छत्तीसगढ़ शासन, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग को नि:शुल्क हस्तान्तरित करने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।