भिलाई। आज औद्योगिक एवं व्यवसायिक युग में जहां कैरियर के प्रति छात्रों में जागरूकता आयी हैं वहीं छात्र-छात्राएँ अपने कैरियर को लेकर असमंजस की स्थिती में भी हैं। 12वीं के बाद छात्र-छात्राएं कैरियर के रूप में सीएमए का चयन कर सकते हैं। कॉमर्स गुरू डॉ संतोष राय ने बताया कि लागत लेखांकन से जुड़ा यह करियर शत प्रतिशत कैम्पस सिलेक्शन दिलाता है। डॉ संतोष राय ने बताया कि पहले सीएमए को पहले आईसीडब्ल्यूए के नाम से जाना जाता था। 12वीं के बाद 3.5 वर्ष का यह कोर्स एक बेहतर कैरियर विकल्प देता हैं। सीएमए की परीक्षा तीन स्तर पर होती हैं। जिसमें फॉउन्डेशन, इंटर एवं फाइनल हैं। सीएमए का मुख्य कार्यालय कोलकाता है एवं छ.ग. के छात्रों का पंजीयन वेस्टर्न इंडिया रीजनल काउंसिल में होता हैं। कॉमर्स गुरू डॉ. संतोष राय ने बताया कि सीएमए एक बेहतर कोर्स हैं, जिसका संबंध लागत लेखांकन से हैं। किसी भी मैन्यूफैक्चरिंग, माइनिंग कंपनी में लागत लेखाकर की जरूरत होती हैं।
डॉ. संतोष राय ने आगे बताया कि आज बहुराष्ट्रीय कंपनियों में लागत लेखाकार की जरूरत हैं। सी.ए./सी.एम.ए./सी.एस. की कक्षाएँ संचालित करने वाले डॉ.संतोष राय ने बताया कि आज छात्रों में प्रतिभा की कमी हैं। सोशल मीडिया से अत्यधिक जुड़ाव उनकी पढ़ाई पर असर डाल रहा हैं।